हल्द्वानी: प्रदेश में कोरोना संक्रमण अब धीरे-धीरे कम होता नजर आ रहा है. हल्द्वानी के सुशीला तिवारी कोविड अस्पताल में अब मरीजों की संख्या में भारी गिरावट देखी जा रही है. बुधवार को इलाज के दौरान दो संक्रमित मरीजों की मौत हुई है, जबकि 11 संक्रमित मरीज ठीक होकर घर लौटे हैं.
अस्पताल के एमएस डॉ अरुण जोशी ने बताया कि मरीजों की रिकवरी रेट में लगातार इजाफा हो रहा है. वर्तमान समय में 227 मरीजों का इलाज चल रहा है. जिसमें 80 मरीजों की हालत गंभीर बनी हुई है. जबकि 32 मरीजों की हालत नाजुक बनी हुई है. उन्होंने बताया कि अस्पताल में अभी भी 216 ऑक्सीजन युक्त बेड खाली पड़े हैं. ब्लैक फंगस के एक मरीज की भी हालत गंभीर बनी हुई है, जो वेंटिलेटर पर हैं. इसके अलावा दो ब्लैक फंगस के संदिग्ध मरीज मंगलवार को अस्पताल में पहुंचे हैं, जिनका इलाज चल रहा है.
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एक जून तक राज्य सरकार को सौंप दिया जाएगा अस्थाई कोविड अस्पताल
डीआरडीओ ने राजकीय मेडिकल कॉलेज में 500 बेड का अस्पताल शुरू किया. जिसे 18 मई को राज्य सरकार को सौंपा जाना था, लेकिन तकनीकी दिक्कत के बाद दूसरी डेडलाइन 25 मई दी गई. उसके बावजूद भी अस्पताल तैयार नहीं हो पाया है. ऐसे में आज कैबिनेट मंत्री बिशन सिंह चुफाल डीआरडीओ द्वारा बनाये जा रहे कोविड अस्पताल का निरीक्षण किया. जहां अधिकारियों ने अगली डेडलाइन 1 जून तक अस्पताल को राज्य सरकार को समर्पित करने का आश्वासन दिया है. उन्होंने कहा पहली जून तक अस्पताल पूरी तरह से तैयार कर लिया जाएगा.
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बंद किया गया हल्द्वानी मिनी स्टेडियम में शुरू हुआ कोविड अस्पताल
आधी अधूरी व्यवस्थाओं के बीच 6 मार्च को हल्द्वानी के मिनी स्टेडियम में शुरू हुए कोविड अस्पताल को मरीज नहीं मिलने के चलते जिला प्रशासन और स्वास्थ्य विभाग को बंद करना पड़ा है. मुख्य चिकित्सा अधिकारी भागीरथी जोशी का कहना है कि कोरोना के घटते मामले के बाद सुशीला तिवारी सहित अन्य अस्पतालों में मरीजों के लिए बेड खाली हो चुके हैं. ऐसे में अस्पताल को अस्थाई तौर पर बंद किया गया है. आवश्यकता पड़ने पर फिर से चालू किया जाएगा.