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सुमित हृदयेश ने कई लोगों को दिलाई कांग्रेस की सदस्यता

उत्तराखंड में विधानसभा चुनाव-2022 में अब ज्यादा समय नहीं है, सभी राजनीतिक दल तैयारियों में जुटे हुए हैं. वहीं, हल्द्वानी में कई लोगों ने चुनाव से पहले कांग्रेस का हाथ थाम लिया है.

सुमित हृदयेश
सुमित हृदयेश

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Published : Sep 19, 2021, 7:24 AM IST

हल्द्वानी:कांग्रेस की कद्दावर नेता इंदिरा हृदयेश (Indira Hridayesh) के निधन के बाद उनकी राजनीतिक विरासत (political legacy) को संभालने और आगे बढ़ाने के लिए सुमित हृदयेश पूरी कोशिश में जुटे हुए हैं. ऐसे में सुमित हृदयेश ने कई लोगों को हल्द्वानी में कांग्रेस की सदस्यता दिलवाई है. वहीं, सुमित हृदयेश ने महंगाई, बेरोजगारी और भ्रष्टाचार को लेकर बीजेपी सरकार पर निशाना साधा है. उन्होंने कहा कि बीजेपी राज में जनता त्रस्त हो चुकी है.

उत्तराखंड में विधानसभा चुनाव-2022 में अब ज्यादा समय नहीं है, सभी राजनीतिक दल तैयारियों में जुटे हुए हैं. वहीं, हल्द्वानी में कई लोगों ने चुनाव से पहले कांग्रेस का हाथ थाम लिया है. इन कार्यकर्ताओं का कहना है कि प्रदेश में भाजपा की सरकार आने के बाद से महंगाई चरम पर है. नौजवानों के पास रोजगार नहीं है, ऐसे में वह बीजेपी राज से आजिज आ चुके हैं और आगामी चुनाव में वो कांग्रेस को जिताने का मन बना चुके हैं.

कांग्रेस नेता सुमित हृदयेश.

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इस मौके पर कांग्रेस नेता सुमित हृदयेश ने कहा कि हल्द्वानी में आईएसबीटी को बनाना उनकी प्राथमिकताओं में शामिल है और वह स्वर्गीय इंदिरा हृदयेश के सपनों को साकार करने की पूरी कोशिश करेंगे. जिसमें उनको हल्द्वानी की जनता का साथ चाहिए. उन्होंने हल्द्वानी की जनता से कांग्रेस के साथ जुड़ने और पार्टी को और मजबूत बनाने की अपील की है ताकि हल्द्वानी का विकास हो सके.

सुमित हृदयेश कौन हैं?कांग्रेस की कद्दावर नेता इंदिरा हृदयेश के तीन पुत्र हैं, सबसे बड़े पुत्र संजीव, दूसरे नंबर पर सौरभ और सबसे छोटे पुत्र सुमित हृदयेश (Sumit Hridayesh) हैं. सबसे छोटे पुत्र सुमित हृदयेश पिछले 15 सालों से हल्द्वानी की राजनीति में सक्रिय हैं.

सुमित AICC के सदस्य भी हैं

वर्तमान समय में सुमित एआईसीसी के सदस्य (AICC member) भी हैं. उनको राजनीति का पूरा अनुभव है. वे हल्द्वानी मेयर पद का चुनाव भी लड़ चुके हैं, जिसमें थोड़े से अंतर से वह हार गए थे. ऐसे में अब उन पर अपनी माता इंदिरा हृदयेश की राजनीतिक विरासत संभालने की जिम्मेदारी आ गई है. ऐसे में इंदिरा हृदयेश की विरासत और सपनों को सुमित कितना आगे ले जाते हैं, यह तो आने वाले समय बताएगा.

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