हल्द्वानीःप्रदेश में सरकार ने गन्ना किसानों के बीते साल से अबतक के 8 अरब 46 करोड़ रुपये का बकाया भुगतान नहीं किया है. जिससे किसानों के सामने रोजी-रोटी का संकट खड़ा हो गया है. इतना ही नहीं इस साल किसानों के गेहूं खरीद का 46 करोड रुपये को भी सरकार नहीं दे पाई है. वहीं, मामले को लेकर कांग्रेस ने सरकार को आड़े हाथ लिया है. उनका कहना है कि बीजेपी किसानों के बकाया भुगतान के आंकड़े को गलत दर्शा कर कोर्ट को भी गुमराह कर रही है.
गन्ना किसानों के बकाये भुगतान की जानकारी देते कांग्रेस के प्रदेश महामंत्री गणेश उपाध्याय.
गन्ना किसानों के भुगतान को लेकर सरकार पर निसाना साधते हुए कांग्रेस के प्रदेश महामंत्री गणेश उपाध्याय ने कहा कि सरकार किसानों का उत्पीड़न कर रही है. गन्ना किसानों के साथ गेहूं किसानों का भुगतान नहीं किया जा रहा है. गणेश उपाध्याय के मुताबिक 172 करोड़ रुपये पिछले साल और 655 करोड़ रुपये इस साल के गन्ने का बकाया भुगतान लंबित है, लेकिन सरकार इस पर ज्यादा ध्यान नहीं दे रही है. उन्होंने कहा कि इस साल गेहूं खरीद का 46 करोड़ रुपये भी किसानों का सरकार के ऊपर बकाया है.
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महामंत्री उपाध्याय ने कहा कि हाई कोर्ट में किसानों की समस्या को लेकर उन्होंने जनहित याचिका दी है. जिसमें कोर्ट ने सरकार को किसानों के बकाया भुगतान के संबंध आदेश जारी करने को कहा था, लेकिन सरकार ने किसानों के बकाया भुगतान के आंकड़े को गलत दर्शा कर कोर्ट को भी गुमराह करने का काम किया है. साथ ही कहा कि वो मामले को लेकर वकील के माध्यम से कोर्ट में बकाया भुगतान का दस्तावेज जमा करने जा रहे हैं.
वहीं, मामले पर गन्ना आयुक्त ललित मोहन रयाल का कहना है कि बीते साल के बकाये में प्राइवेट चीनी मिलों का भुगतान बकाया है. जिसके लिए सरकार ने सॉफ्ट लोन का प्रावधान किया था और इस बार सरकार गन्ना किसानों के भुगतान जल्द कर देगी. उन्होंने कहा कि जैसे-जैसे चीनी मिलों से चीनी का स्टॉक जाएगा, वैसे-वैसे गन्ना किसानों का भुगतान होगा. अभी तक 500 करोड़ रुपये का गन्ना किसानों का भुगतान किया जा चुका है.