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छोटी सी उंगलियों में गजब का है जादू, दिव्यांशु और प्रखर की जोड़ी राष्ट्रीय स्तर पर मचा रही धमाल - जिला संदर्भदाता गौरी शंकर कांडपाल

Divyanshu Tripathi And Prakhar Joshi हल्द्वानी में दिव्यांशु और प्रखर की जोड़ी छाई हुई है. इतना ही नहीं दोनों राष्ट्रीय स्तर पर धमाल मचा रहे हैं. जी हां, दिव्यांशु त्रिपाठी तबला में उस्ताद है तो बांसुरी में प्रखर जोशी सुरों की तान लगाने में माहिर हैं. अब दोनों कलाकार राज्य कला उत्सव 2023 में हिस्सा लेंगे.

Divyanshu Tripathi and Prakhar Joshi
दिव्यांशु त्रिपाठी और प्रखर जोशी

By ETV Bharat Uttarakhand Team

Published : Oct 25, 2023, 8:22 PM IST

Updated : Oct 25, 2023, 9:41 PM IST

दिव्यांशु और प्रखर की जोड़ी मचा रही धमाल

हल्द्वानीः कहते हैं प्रतिभा किसी उम्र की मोहताज नहीं होती. यही कारण है कि अक्सर बालपन में ही प्रतिभाएं नजर आने लगती है. ऐसे ही प्रतिभाओं से भरे कलाकार हल्द्वानी में भी हैं. जो अपनी उंगलियों से ऐसा सुर तानते हैं, जिसे सुनकर हर कोई हैरान रह जाता है. अब ये दोनों प्रतिभावान कलाकार आगामी नवंबर महीने में राज्य कला उत्सव 2023 में नैनीताल जिले का प्रतिनिधित्व करेंगे. जिसे लेकर अभी से तैयारियों में जुटे हैं.

तबला वादक दिव्यांशु त्रिपाठी को जानिएःबता दें कि ये दोनों प्रतिभावान कलाकार हैं, दिव्यांशु त्रिपाठी और प्रखर जोशी. जो राज्य कला उत्सव प्रतियोगिता में दिव्यांशु त्रिपाठी शास्त्रीय वादन में तबले पर अपना हुनर दिखाएंगे तो प्रखर जोशी बांसुरी पर अपने राग सुनाएंगे. दिव्यांशु त्रिपाठी ने तबले पर प्राथमिक शिक्षा लोकेश जोशी फिर एलडी जोशी से हासिल की है. वर्तमान में वो स्वर संगम संस्थान हल्द्वानी के मुकेश पंत के संरक्षण में तबले की शिक्षा दीक्षा ले रहे हैं.

संस्कारों की यह शिक्षा दीक्षा उन्हें अपने घर से ही मिली है. उनके पिता बसंत बल्लभ त्रिपाठी भागवत कथा वाचक हैं, जिनके सानिध्य में वो अपनी प्रतिभा को निखार रहे हैं. कक्षा 11वीं में पढ़ाई कर रहे दिव्यांशु त्रिपाठी विभिन्न प्रतियोगिताओं में अपनी प्रतिभा का लोहा मनवा चुके हैं. अब वो राज्य कला उत्सव के अलावा नवंबर महीने में उत्तराखंड संस्कृत अकादमी की ओर से आयोजित प्रतियोगिता के समूह गान श्रेणी में राज्य स्तर पर प्रतिभाग करेंगे.

बांसुरी वादक प्रखर जोशी को जानिएःबांसुरी वादक प्रखर जोशी वर्तमान में कक्षा 11 में पढ़ाई करते हैं. संगीत के क्षेत्र में बांसुरी वादक के रूप में उन्होंने एक अपनी अलग पहचान बना ली है. साल 2016 में सबसे पहले उत्तर प्रदेश संगीत नाटक अकादमी की हल्द्वानी संभागीय प्रतियोगिता में प्रखर ने तीसरा स्थान हासिल किया. इसके बाद साल 2018 में संस्कृति मंत्रालय भारत सरकार की संस्था सीसीआरटी दिल्ली से राष्ट्रीय छात्रवृत्ति मिली.
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इसका श्रेय उनके बांसुरी वादक पिता गोपाल चंद्र जोशी और देश के मूर्धन्य ख्याति प्राप्त कलाकार पंडित नित्यानंद हल्दीपुर को दिया. साल 2018 में प्रखर जोशी ने श्री श्री बाबा हरि बल्लभ संगीत समारोह जालंधर प्रतियोगिता में बाल वर्ग में पहला स्थान हासिल किया और उत्तराखंड का नाम रोशन किया. साल 2019 में प्रखर ने ध्रुपद ख्याल पर संगीत प्रतियोगिता हल्द्वानी में पहला स्थान हासिल किया.

दिव्यांशु और प्रखर की जोड़ी

वहीं, साल 2019 में ही क्लासिकल वॉइस ऑफ इंडिया के ग्रैंड फिनाले में लखनऊ में ऑफलाइन प्रतियोगिता में तीसरा स्थान हासिल किया. इसके बाद साल 2020-21 में कोरोना काल में नॉर्थ जोन कल्चरल सेंटर पटियाला में नवांकुर एवं तरुण शास्त्रीय संगीत ऑनलाइन महोत्सव में प्रखर को प्रस्तुति के लिए आमंत्रित किया गया.

साल 2021 में ही नृत्याकृति संस्था की ओर से आयोजित प्रतियोगिता में प्रखर ने फिर से पहला स्थान हासिल किया. राष्ट्रीय युवा महोत्सव 2022 में प्रखर ने नेशनल स्तर पर कर्नाटक में प्रतिभाग किया. जिसके लिए मुख्यमंत्री पुष्कर धामी ने उन्हें कल्चरल एंबेसडर के नाम से भी संबोधित किया. वहीं, सीसीआरटी नई दिल्ली के जिला संदर्भदाता गौरी शंकर कांडपाल ने बताया कि दोनों विलुप्त की कगार पर पहुंची कला को भी संजोने का काम कर रहे हैं.

Last Updated : Oct 25, 2023, 9:41 PM IST

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