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हल्द्वानी विधानसभा सीट की ग्राउंड रिपोर्ट, जनता को खल रही इंदिरा की कमी, जानिए 2022 के लिए कैसा है मूड

विधानसभा 'WAR' में हल्द्वानी विधानसभा सीट (haldwani assembly seat ground report) की बात करेंगे. हल्द्वानी विधानसभा क्षेत्र काफी महत्वपूर्ण है. हल्द्वानी कुमाऊं का प्रवेश द्वार कहा जाता है, तो आइये जानते हैं क्या है यहां की जनता का मूड ?

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विधानसभा WAR: हल्द्वानी विधानसभा

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Published : Dec 1, 2021, 4:15 PM IST

Updated : Dec 2, 2021, 11:38 AM IST

हल्द्वानी: उत्तराखंड विधानसभा चुनाव 2022 (uttarakhand assembly election 2022) की तैयारियां जोरों पर हैं. लोकतंत्र के इस पर्व में सभी दल अपनी-अपनी जीत के दावे कर रहे हैं. ऐसे में विधानसभा चुनाव से पहले जनता का मूड (haldwani assembly seat ground report) जानने के लिए ईटीवी भारत लेकर आया है हल्द्वानी विधानसभा सीट की ग्राउंड रिपोर्ट. हमने बीते पांच सालों में हुए काम और आने वाले चुनाव को लेकर जनता का मूड परखा. इस दौरान हल्द्वानी शहर के लोगों ने साफ लफ्जों में कहा विकास में इंदिरा हृदयेश (Indira Hridayesh) के योगदान को नहीं भुलाया जा सकता है. हल्द्वानी की जनता ने कहा जो उनके विकास को आगे बढ़ाने का काम करेगा जनता उसी का साथ देगी.

ईटीवी भारत की टीम ने हल्द्वानी की जनता के मूड को जानने के लिए शुरुआत स्वर्गीय इंदिरा हृदयेश के आवास से शुरू की. जहां लोगों ने इंदिरा हृदयेश को बेहतर नेता मानते हुए कहा कि जिस तरह इंदिरा हृदयेश ने हल्द्वानी शहर में विकास किया है वह कोई और नहीं कर सकता. लोगों ने कहा इस चुनाव में इंदिरा हृदयेश की कमी खलेगी. यही नहीं जनता के बीच वर्तमान सरकार को लेकर भी नाराजगी देखने को मिली. लोगों ने कहा प्रदेश में लगातार महंगाई, बेरोजगारी चरम पर है. ऐसे में इस बार जनता परिवर्तन का मन बना चुकी है.

विधानसभा WAR: हल्द्वानी विधानसभा

युवा मतदाताओं ने कहा कि इंदिरा हृदयेश द्वारा किए गए विकास कार्य शहरी क्षेत्र में दिखाई भी देते हैं. उन्होंने विधायक रहते हुए शहर की कायापलट करने में कोई कोर-कसर नहीं छोड़ी. ऐसे में अब उनके अधूरे छूटे कामों को जो आगे बढ़ाएगा, जनता उसी का साथ देगी. इंदिरा हृदयेश के बेटे सुमित की विधायकी के सवाल पर युवाओं ने कहा सुमित एक युवा नेता हैं. वे इंदिरा हृदयेश के कामों को आगे बढ़ाने की योग्यता रखते हैं.

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वहीं, कुछ युवाओं का कहना है कि हल्द्वानी के मेयर डॉक्टर योगेंद्र पाल सिंह रौतेला दो बार से मेयर हैं. उन्होंने हल्द्वानी में विकास किया है. पूर्व में वे इंदिरा हृदयेश के खिलाफ चुनाव भी लड़ चुके हैं. ऐसे में योगेंद्र रौतेला को टिकट मिलता है तो वह पार्टी के लिए मजबूत साबित हो सकते हैं. बस बात उन्हें आगे बढ़ाने की है.

बात हल्द्वानी शहरी क्षेत्र की करें तो शहर के पटेल चौक क्षेत्र में सबसे ज्यादा व्यापारी मतदाता हैं. व्यापारी मतदाताओं का सबसे ज्यादा रुझान इंदिरा हृदयेश के प्रति रहा है. ऐसे में इंदिरा हृदयेश के नहीं रहने से व्यापारियों को उनकी कमी खल रही है. व्यापारियों का कहना है कि हल्द्वानी का जो भी विधायक बने वह इंदिरा हृदयेश की तरह विकास करने की क्षमता रखे. तभी आने वाले समय में हल्द्वानी विधानसभा क्षेत्र का भविष्य ठीक हो सकेगा.

व्यापारियों में वर्तमान सरकार के खिलाफ नाराजगी भी देखने को मिल रही है. व्यापारियों का आरोप है कि डबल इंजन का नारा देने वाली सरकार में महंगाई, बेरोजगारी चरम पर है. जिसके कारण लोगों में आक्रोश है.

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वहीं, स्वर्गीय इंदिरा हृदयेश के बेटे सुमित के बारे में व्यापारियों ने कहा वे अपनी मां के नक्शे कदम पर चल रहे हैं. वे जनता के बीच जा रहे हैं. साथ ही वे इंदिरा हृदयेश के विकास कार्यों को आगे बढ़ाने की कोशिश भी कर रहे हैं. ऐसे में आने वाले समय में जनता उन्हें विधायक के रूप में देखना चाहेगी.

बता दें कुमाऊं मंडल में हल्द्वानी विधानसभा क्षेत्र काफी महत्वपूर्ण है. हल्द्वानी कुमाऊं का प्रवेश द्वार कहा जाता है. पिछले विधानसभा चुनाव में यहां 1,40,407 वोटर थे. इसमें से 94,182 लोगों ने मतदान किया था. पिछले चुनाव में यहां मतदान प्रतिशत 67.08% रहा. साल 2017 में इंदिरा हृदयेश यहां से विधायक चुनी गईं. उन्हें 43,786 वोट मिले थे. उन्होंने 6.96% मार्जिन वोट से जीत हासिल की थी. उन्होंने भाजपा के योगेंद्र पाल सिंह रौतेला को हराया. रौतेला को 37,229 वोट मिले थे. उनका वोट प्रतिश 39.53% रहा. इसके अलावा साल 2017 में उत्तराखण्ड क्रान्ति दल के भुवनचंद्र जोशी भी यहां चुनावी मैदान में थे, जो पांचवें नंबर पर रहे थे. उन्हें मात्र 268 वोट मिले थे.

Last Updated : Dec 2, 2021, 11:38 AM IST

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