हल्द्वानी:कुमाऊं की बहुप्रतीक्षित जमरानी बांध परियोजना को केंद्र सरकार से संस्तुति और बजट मिलने के बाद भी देरी हो रही है. बांध के लिए भूमि अधिग्रहण में हो रही देरी के चलते जमरानी बांध निर्माण में अड़चन आ रही है. इसके मद्देनजर अब राज्य सरकार ने भूमि अधिग्रहण के लिए आदेश जारी कर दिया है. डीएम नैनीताल को जमीन अधिग्रहण के लिए अधिसूचना जारी करने के निर्देश जारी किए गए हैं. भूमि अधिग्रहण अधिनियम 2013 के तहत (लारा एक्ट) धारा 8 के तहत किया जाएगा.
जमरानी बांध परियोजना के महाप्रबंधक प्रशांत बिश्नोई ने बताया कि राज्य सरकार ने अधिसूचना जारी होने के बाद जिलाधिकारी नैनीताल को आगे की प्रक्रिया करनी है. भूमि अधिग्रहण अधिनियम की धारा 8 के तहत और योजना के लिए भूमि अधिग्रहण किया जाना है. जमरानी बांध परियोजना के लिए बीते दिनों सोशल इंपैक्ट एसेसमेंट सर्वे कराया गया था. इसके तहत वहां के लोगों की होने वाली आर्थिक सामाजिक मानसिक नुकसान का सर्वे किया गया था.
बता दें कि, कुमाऊं मंडल के तराई क्षेत्रों के लिए पेयजल और सिंचाई के लिए बनाए जाने वाली बहुप्रतीक्षित 9 किलोमीटर लंबी और डेढ़ किलो मीटर चौड़ी और 130 मीटर ऊंची जमरानी बांध परियोजना के लिए केंद्र सरकार ने बजट भी जारी कर दिया है. बांध निर्माण के लिए 43 हेक्टेयर भूमि की आवश्यकता है. 2,584 करोड़ रुपए की लागत से बनने वाले बांध निर्माण में काफी देरी हो चुकी है. ऐसे में बांध निर्माण में भूमि अधिग्रहण की आ रही अड़चन को जल्द दूर करने के निर्देश दिए गए हैं.
जमरानी बांध भूमि अधिग्रहण के लिए राज्य सरकार की मंजूरी
राज्य सरकार ने जमरानी बांध परियोजना के लिए भूमि अधिग्रहण करने की मंजूरी दे दी है. डीएम नैनीताल को जमीन अधिग्रहण के लिए अधिसूचना जारी करने के निर्देश जारी किए गए हैं.
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गौरतलब है कि जमरानी बांध की जद में 6 गांवों के 158 परिवारों के घरों के अलावा 821 लोगों की जमीन आ रही है. स्थानीय लोगों ने अपनी 12 सूत्रीय मांगों के साथ-साथ प्रत्येक घर से एक व्यक्ति को सरकारी नौकरी देने की मांग की है. गांव वाले भी जमरानी बांध के पक्षधर हैं लेकिन 11 सूत्रीय मांगें बांध निर्माण में देरी का कारण बन रही हैं. जमरानी बांध का निर्माण हो जाने से जहां तराई भाबर के कई गांवों और शहरों को सिंचाई और पेयजल की समस्या से मुक्ति मिलेगी तो वहीं बांध से 14 मेगावाट की बिजली उत्पादित होगी.