हल्द्वानी: तराई के जंगलों में मानव वन्यजीव संघर्ष की घटना लगातार बढ़ रही हैं. कई बार जंगली जानवर आबादी वाले क्षेत्र में पहुंच जाते हैं, जहां जानवरों को रेस्क्यू करने में वन विभाग को परेशानी का सामना करना पड़ता है. ऐसे में उत्तराखंड वन विभाग के तराई पूर्वी वन प्रभाग के रेस्क्यू टीम को पहली बार स्पेशल बॉडी आर्मर किट उपलब्ध कराया है. जिसके बाद रेस्क्यू टीम के कर्मचारी बॉडी आर्मर किट को पहनकर जंगली जानवरों का रेस्क्यू कर सकेंगे.
वन्यजीवों की रेस्क्यू के लिए वनकर्मियों को मिला खास बुलेट प्रूफ 'कवच', खासियत सुनकर हैरान रह जाएंगे आप
Forest Department Special Body Armor Kit आप अब उत्तराखंड वन विभाग के कर्मियों को रेस्क्यू के दौरान स्पेशल 'कवच' पहने हुए देखेंगे. जो वन कर्मियों को रेस्क्यू के दौरान हिंसक जानवरों के हमले से सुरक्षित करेगा. रोबोट की तरह दिखने वाला यह बॉडी आर्मर किट बुलेट प्रूफ जैसा है, जिस पर जंगली जानवरों के हमले का कोई असर नहीं होगा.
By ETV Bharat Uttarakhand Team
Published : Oct 12, 2023, 9:13 AM IST
|Updated : Oct 12, 2023, 12:35 PM IST
किट के माध्यम से मानव वन्यजीव संघर्ष की घटनाओं को कम किया जा सकेगा. प्रभागीय वनाधिकारी तराई पूर्वी वन प्रभाग संदीप कुमार ने बताया कि कुछ जगहों को वाइल्ड लाइफ हॉटस्पॉट चिन्हित किया गया है. कई बार ऐसा होता है कि आबादी वाले क्षेत्रों में वन्यजीवों के आ जाने और रेस्क्यू करने के दौरान कर्मचारियों को खतरा बना रहता है, ऐसे में वाइल्डलाइफ से जुड़े रेस्क्यू टीम को स्पेशल बॉडी आर्मर किट उपलब्ध कराया गया है. जिससे रेस्क्यू के दौरान कर्मचारियों को सुरक्षित किया जा सके. रोबोट की तरह दिखने वाला यह किट पूरी तरह से बुलेट प्रूफ जैसा है.
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किट पहने व्यक्ति पर जानवर के हमले करने के दौरान खतरा कम होने की संभावना होती है. उन्होंने कहा कि इस किट से टाइगर और लेपर्ड जैसे जानवरों को रेस्क्यू करने में मदद मिलेगा. करीब 30 कर्मचारियों के टीम को किट पहने और वाइल्ड लाइफ रेस्क्यू करने की ट्रेनिंग दी जा चुकी है. वाइल्डलाइफ को रेस्क्यू कर इसका परीक्षण भी किया जा चुका है जो बेहतर कारगर साबित हो रहा है. कर्मचारियों को जीपीएस सिस्टम से कैमरा ट्रेप लगाने, वाइल्डलाइफ को ट्रेंकुलाइज करने, बॉडी आर्मर किट पहने के साथ-साथ स्टैंडर्ड रेस्क्यू ऑपरेटिंग का प्रशिक्षण दिया गया है. जिससे मानव वन्यजीव संघर्ष की घटनाओं को रोका जा सके.