हल्द्वानी:उत्तराखंड के किसान पहली बार काले गेहूं की बुआई कर रहे हैं. काले गेहूं को बहुत ही गुणकारी बताया जाता है. भारत में आमतौर पर सफेद और लाल गेहूं की खेती किसान करते आए हैं. पंजाब के बाद उत्तराखंड के किसान पहली बार काले गेहूं की फसल उगाने जा रहे हैं.
हल्द्वानी के गोरापड़ाव के रहने वाले प्रगतिशील किसान अनिल पांडे पहली बार अपने खेत में काले गेहूं की खेती कर रहे हैं. इसके अलावा अन्य किसानों को भी काले गेहूं की खेती करने के लिए प्रेरित कर रहे हैं. किसान अनिल पांडे पंजाब के एक इंस्टीट्यूट से काले गेहूं का बीज लाए हैं. खुद अपने खेत में लगाने के साथ-साथ दूसरों को भी गेहूं वितरण कर रहे हैं.
प्रगतिशील किसान अनिल पांडे ने बताया कि वो ऑर्गेनिक खेती करते रहे हैं. पहली बार उनको पता चला कि पंजाब में काले गेहूं का उत्पादन शुरू हो चुका है. उन्होंने पंजाब के एक इंस्टीट्यूट से ₹100 प्रति किलो के हिसाब से बीज मंगाया है. उन्होंने बताया कि काले गेहूं की डिमांड आम गेहूं की तुलना में 3 गुना ज्यादा है. ये तीन गुना ज्यादा दाम में भी बिकता है. ऐसे में अगर किसान काले गेहूं का उत्पादन करते हैं तो उनकी आय में इजाफा होगा.
उन्होंने बताया कि काले गेहूं में एंटी ऑक्सीडेंट की काफी मात्रा है. अगर कोई व्यक्ति इस गेहूं के आटे का प्रयोग करता है तो कैंसर, मधुमेह, हृदय रोग, मोटापा जैसी बीमारियों से लड़ने की उसकी क्षमता बढ़ जाती है. काले गेहूं में आम गेहूं की तुलना में आयरन 60% अधिक है.
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