उत्तराखंड

uttarakhand

ETV Bharat / state

नैनीताल: ओखलकांडा में भूस्खलन की चपेट में आए 6 लोगों के शव बरामद - Nainital Thaladi village accident

बीते दिनों उत्तराखंड में बाढ़ और बारिश ने जमकर तबाही मचाई. भारी बारिश से राज्य में भयानक मंजर देखने को मिला. वहीं, 18 अक्टूबर की सुबह ओखलकांडा ब्लॉक के थलाड़ी गांव में हुए भूस्खलन की चपेट में आने से एक ही परिवार के 6 लोगों की दर्दनाक मौत हो गई थी.

nainital
थलाड़ी गांव में रेस्क्यू अभियान.

By

Published : Oct 23, 2021, 10:10 AM IST

Updated : Oct 23, 2021, 10:42 AM IST

नैनीताल:18 अक्टूबर की सुबह ओखलकांडा ब्लॉक के थलाड़ी गांव में हुए भूस्खलन की चपेट में आने से एक ही परिवार के 6 लोगों की दर्दनाक मौत हो गई थी. जिनका एसडीआरएफ और एनडीआरएफ टीम ने ग्रामीणों की मदद से रेस्क्यू कर शव बरामद कर लिया है. क्षेत्र पंचायत सदस्य लाखन सिंह नेगी ने बताया कि सभी मृतकों का मौके पर ही पोस्टमार्टम कराकर शव परिजनों को सौंप दिए हैं.

गौर हो कि बीते दिनों उत्तराखंड में बाढ़ और बारिश ने जमकर तबाही मचाई थी. भारी बारिश से राज्य में भयानक मंजर देखने को मिला. इस तबाही ने 2013 की उत्तराखंड त्रासदी की यादें ताजा कर दी. 18 अक्टूबर की सुबह ओखलकांडा ब्लॉक के थलाड़ी गांव में हुए भूस्खलन की चपेट में आने से एक ही परिवार के 6 लोगों की दर्दनाक मौत हो गई. ऐसे में अब एसडीआरएफ और एनडीआरएफ टीम ने ग्रामीणों की मदद से इन शवों को बरामद कर लिया है.

छह लोगों के शव बरामद.

इन शवों की शिनाख्त मीना देवी (28 वर्ष), चांदनी (8 वर्ष), डिम्पल (6 वर्ष), तनुजा (4 वर्ष), पारस (1 वर्ष ) और शांति देवी (65 वर्ष) के रूप में हुई है.

पढ़ें-Exclusive: मौत के वो तीन दिन, ETV भारत पर ट्रैकर मिथुन की रौंगटे खड़े करने वाली दास्तां

एक झटके में खत्म हो गया परिवार: थलाड़ी निवासी हरेंद्र सिंह को क्या पता था कि उसका पूरा परिवार एक ही झटके में खत्म हो जायेगा. परिवार में सिर्फ वही बचे हुए हैं. इस हादसे में उनकी मां, पत्नी समेत चार बच्चे काल के गाल में समा गए. हादसे की वजह से वे पूरी तरह टूट गए हैं. तीन बेटियों के बाद घर में जन्मे पारस का 21 अक्टूबर को पहला जन्मदिन था. जिसको लेकर पूरे परिवार में खुशी का माहौल बना था. बहनें अपने भाई के जन्म दिन को धूमधाम से मनाने के लिए एक हफ्ते से तैयारियों में जुटी हुई थी.

पढ़ें-पिंडारी ग्लेशियर के पास फंसे 42 पर्यटकों का सफल रेस्क्यू, बिना बताए जाने पर होगा एक्शन

ऐसे में हरेंद्र को क्या पता था कि जन्मदिन से पहले ही उनके ऊपर दुखों का पहाड़ टूटने वाला है और एक झटके में सबकुछ खत्म होने वाला है. हरेंद्र सिंह लोनिवि भवाली खंड में कार्यरत हैं. हरेंद्र की आंखों में केवल आंसू दिखाई दे रहे हैं और हादसे को याद कर वह सिहर जाते हैं.

Last Updated : Oct 23, 2021, 10:42 AM IST

ABOUT THE AUTHOR

...view details