हल्द्वानी: रेशम कीट के उत्पादन को लेकर इस समय अनुकूल मौसम चल रहा है. ऐसे में रेशम विभाग इन दिनों रेशम उत्पादकों के लिए कीट तैयार करने में जुटा हुआ है. विभाग कच्चा रेशम बनाने के लिए रेशम के कीड़ों का पालन कर 2,340 रेशम उत्पादन से जुड़े किसानों को रेशम कीट वितरित करने वाला है. रेशम विभाग एक सप्ताह तक रेशम कीट का उत्पादन कर किसानों को वितरित करेगा. इसके बाद किसान 21 दिनों तक कीड़ों का पालन कर रेशम का कोया तैयार करेंगे.
अपर निदेशक रेशम विभाग अरविंद लालोरिया ने बताया कि सितंबर और मार्च का महीना रेशम उत्पादन के लिए अनुकूल माना जाता है. 15 सितंबर से रेशम कीट उत्पादन का मौसम अनुकूल है, ऐसे में वे प्रतिवर्ष रेशम कीट का उत्पादन कर किसानों को वितरित करते हैं. कीटों का पालन एक सप्ताह विभाग द्वारा किया जाता है, जिसके बाद काश्तकारों को उपलब्ध करा दिया जाता है. काश्तकार कीटों को 21 दिन तक पालन पोषण कर रेशम का कोया तैयार करेगा और विभाग को कोया उपलब्ध कराएगा, जिससे किसानों की आमदनी में वृद्धि होगी.
लालोरिया ने बताया कि रेशम की खेती का काम केवल एक महीने का होता है. किसान अगर रेशम उत्पादन का काम करता है तो अन्य खेती के साथ किसान साल में 15 हजार से 20 हजार तक की आमदनी अलग से कर सकता है. साथ ही उन्होंने 2017-18 उत्तराखंड के कुमाऊं मंडल में 2000 किसान रेशम उत्पादन से जुड़े हुए थे जो बढ़कर इस वर्ष 2,340 हो गए हैं. उधम सिंह नगर में 989 किसान रेशम उत्पादन से जुड़े हैं, जबकि नैनीताल जिले में 825 उत्पादक रेशम का उत्पादन कर रहे हैं.