नैनीताल:कोरोना वायरस का कहर थमने का नाम नहीं ले रहा है. जिसके कारण इस बार कुमाऊं के लिपुलेख दर्रे से कैलाश मानसरोवर यात्रा पर संशय बरकरार है.क्योंकि अब तक कैलाश मानसरोवर यात्रा की तैयारियों को लेकर विदेश मंत्रालय के द्वारा यात्रा आयोजित करने वाली संस्थाओं के साथ बैठक का आयोजन नहीं किया गया है. यात्रा को लेकर हर साल फरवरी महीने में बैठक की जाती थी, लेकिन अब तक विदेश मंत्रालय के द्वारा यात्रा को लेकर कुमाऊं मंडल विकास निगम, जिला प्रशासन सहित आईटीबीपी के साथ बैठक का आयोजन नहीं किया गया है.
विश्व प्रसिद्ध कैलाश मानसरोवर यात्रा पर कोरोना का साया बता दें कि कैलाश मानसरोवर यात्रा हर साल 12 जून को दिल्ली से शुरू होती है जो 13 जून को काठगोदाम, 14 को अल्मोड़ा ओर 15 जून को अपने विभिन्न पड़ाव को पार करके भारत के अंतिम जिले पिथौरागढ़ होते हुए चीन तक पहुंची है. इस यात्रा में देश भर से कई यात्री शामिल होते हैं, लेकिन इस बार कोरोना वायरस कैलाश मानसरोवर यात्रा पर असर डाल सकती है.
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कोरोना वायरस की वजह से अब तक यात्रियों के पंजीकरण का काम भी शुरू नहीं हो सका है. इसके बावजूद भी यात्रा को आयोजित करवाने वाली कार्यदायी संस्था कुमाऊं मंडल विकास निगम के द्वारा यात्रा को लेकर अभी से अपनी तैयारियां शुरू कर दी गई हैं. विकास निगम के जीएम अशोक कुमार जोशी ने बताया कि यात्रियों की सुविधाओं के लिए सभी सड़कें दुरुस्त करवाई जा रही हैं. साथ ही जिन पढ़ावों को पार कर यात्री ठहरेंगे, उन होटलों और रिजॉर्ट के मरम्मत का काम भी पूरा कर लिया गया है.
बता दें कि भारी बर्फबारी के कारण गुंजी में मार्ग बर्फ से ढके हुए हैं. गुंजी से लेकर लिपुपास तक पैदल मार्ग बर्फ से ढके होने कारण परेशानी बढ़ सकती है.