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यहां गिरे सब्जियों के भाव, 5₹ किलो लौकी तो 15 ₹किलो बिक रही भिंडी, किसान परेशान

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Published : May 29, 2019, 10:41 PM IST

औने-पौने दामों में किसानों को बेचनी पड़ रही सब्जियां. गिरते सब्जियों के दाम से परेशान किसान.

सब्जियों के गिरते दाम से किसान परेशान.

हल्द्वानी: गर्मी के दिनों में सीजनल सब्जियों की पैदावार खूब हो रही है. बाजारों में पहाड़ से आने वाली सब्जियों के अलावा मैदानी इलाकों में उत्पादित सब्जियों की बाजार में भरमार है. सब्जियों की बंपर आवक की वजह से दामों में भी गिरावट आ रही है. जिसके चलते किसानों की सब्जियां औने-पौने दामों में बिक रही हैं, जिस वजह से किसानों को काफी नुकसान उठाना पड़ रहा है. पैदावार का वाजिब मूल्य नहीं मिलने से किसान काफी परेशान हैं.

गिरते सब्जियों के दाम.

एक पखवाड़ा पहले भिंडी का रेट 50₹ किलो था जो अब 15-20₹ किलो हो गया है. बाजार में 50₹ किलो बिकने वाली तरोई अब 20₹ किलो बिक रही है. यही हाल लौकी का है जो ₹30 किलो से सीधे ₹5 किलो बिक रही है. 30₹ खीरा अब 10₹ में बिक रहा है. शिमला मिर्ची, बैगन इसके अलावा अधिकतर हरी सब्जियों के रेट में भी काफी गिरावट देखने को मिल रही है. व्यापारियों के मुताबिक यह आलम अभी दो महीने तक रहेगा.

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व्यापारियों का कहना है कि इस सीजन में शादी समारोह भी कम हो रहे हैं. उत्पादन ज्यादा है और बिक्री कम होने के चलते मंडी में काफी गिरावट आयी है. वहीं, काश्तकारों का कहना है कि कई सालों से सब्जी का कारोबार कर रहे हैं, लेकिन इतनी मंदी कभी नहीं देखी. उन्होंने बताया कि सब्जी की बुवाई इस बार ज्यादा हुई है, इसलिए पैदावार भी खूब है. लेकिन, मंडियों में उनके सब्जियों के रेट नहीं मिल पा रहे हैं. मजबूरन उनको अपने सब्जियों को औने-पौने दामों में बेचना पड़ रहा है.

एक ओर देश की बड़ी-बड़ी मंडियों में सब्जी के रेट आसमान छू रहे हैं तो वहीं उत्तराखंड के हल्द्वानी मंडी में सब्जी के दामों में भारी गिरावट देखने को मिल रही है. किसानों की आय दोगुनी करने की बात करने वाली सरकार किसानों की सुध लेने को तैयार नहीं है. सरकार अगर इन किसानों के उत्पादित सब्जियों को खरीद कर बड़े मंडियों में एक्सपोर्ट करे तो किसानों को इतनी परेशानी का सामना करना नहीं पड़ेगा.

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