हल्द्वानीः मॉनसून सत्र के मद्देनजर जिला प्रशासन ने सभी तैयारियां पूरी कर ली हैं. इसी कड़ी में जिला प्रशासन की टीम ने बिंदुखत्ता के गौला नदी के श्रीलंका टापू गांव का दौरा किया और करीब 40 परिवारों की स्थिति का जायजा लिया. इस दौरान टीम ने मॉनसून सीजन के मद्देनजर ग्रामीणों को 3 महीने की अग्रिम दवाइयां, रसद सामग्री आदि मुहैया कराया. साथ ही आपातकालीन स्थिति से निपटने के लिए गांव में अस्थाई हेलीपैड भी तैयार कराया है.
बुधवार को उप जिलाधिकारी विवेक राय स्वास्थ्य, लोक निर्माण और सिंचाई विभाग के अधिकारियों के साथ श्रीलंका टापू पहुंचे. हालांकि, इस दौरान उप जिलाधिकारी राय श्रीलंका टापू के दौरे पर उनका वाहन नदी को पार नहीं कर सका और उन्हें ट्रैक्टर का सहारा लेना पड़ा. जिसके बाद वो ट्रैक्टर पर सवार होकर श्रीलंका गांव तक पहुंचे. जहां उन्होंने प्रशासनिक अमले के साथ ग्रामीणों को जरूरी सामान बांटे और उनकी समस्या को जाना.
श्रीलंका टापू में जिला प्रशासन की टीम. ये भी पढ़ेंःकोरोना काल में किन-किन मुसीबतों से जूझ रहा है काश्तकार, जानिए GROUND REPORT में
श्रीलंका टापू के निवासियों का कहना है कि यहां करीब 40 परिवार कई दशकों से निवास करते हैं. चुनाव के समय तो कई नेता पहुंचते हैं. इसके अलावा मॉनसून सीजन में प्रशासनिक अधिकारी भी आते हैं, लेकिन अभी तक गांव में मुलभूत सुविधाएं नहीं पहुंच पाई हैं. गांव में न तो सड़क है, न ही बिजली और न ही स्कूल. साथ ही बताया कि गांव में कोई अस्पताल भी नहीं है. ऐसे में यहां के लोग विषम परिस्थितियों में जीवन यापन करने को मजबूर हैं.
श्रीलंका टापू पहुंची जिला प्रशासन की टीम. उन्होंने कहा कि आसपास का पूरा क्षेत्र आरक्षित वन क्षेत्र से घिरा है. जिसकी वजह से लोगों में जंगली जानवरों का भी भय बना रहता है. ऐसे में क्षेत्रवासियों में जनप्रतिनिधियों के उदासीन रवैए को लेकर नाराजगी है. वहीं, उप जिला अधिकारी विवेक राय का कहना है कि गांव की भौगोलिक स्थिति दो नदियों के बीच से घिरा हुआ है. ऐसे में मॉनसून सत्र के दौरान गांव में बाढ़ आने की संभावना बनी रहती है.
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बरसात के दौरान गांव से जिला प्रशासन का संपर्क टूट जाता है. जिसे देखते हुए जिला प्रशासन की ओर से ग्रामीणों को अतिरिक्त व्यवस्था और सुविधाएं मॉनसून सीजन में उपलब्ध कराई जाती हैं. उन्होंने कहा कि अस्थाई हेलीपैड का भी निर्माण कराया गया है. जिससे आपातस्थिति में हेलीकॉप्टर के माध्यम से रेस्क्यू कर उन्हें सुरक्षित स्थान पर पहुंचाया जा सके.