नैनीतालः कोरोना संकट के बीच सूबे में 10वीं और 12वीं कक्षा के लिए स्कूल खोल दिए गए हैं. लेकिन अभी भी अभिभावक बच्चों को स्कूल भेजने से कतरा रहे हैं. यही वजह है कि नैनीताल में सरकारी स्कूल तो खुले लेकिन गिनती भर के ही छात्र स्कूल पहुंचे. प्राइवेट स्कूल बंद रहे. प्राइवेट स्कूल एसोसिएशन ने स्कूलों को अभी बंद रखने का फैसला किया है.
नैनीताल में गिनती भर के छात्र ही पहुंचे स्कूल. नैनीताल के सभी प्राइवेट स्कूल पूरी तरह से बंद हैं और अभिभावक अभी भी अपने बच्चों को स्कूल भेजने से गुरेज कर रहे हैं. नैनीताल में दर्जन भर से ज्यादा जाने-माने प्राइवेट स्कूल हैं. इनमें ज्यादातर बोर्डिंग स्कूल हैं. इन स्कूलों में सभी बच्चे बाहरी राज्यों से आकर पढ़ाई करते हैं. लेकिन संक्रमण के खतरे को देखते हुए अभिभावकों ने छात्रों को स्कूल नहीं भेजा है. इस वजह से सभी प्राइवेट स्कूल पूरी तरह से बंद हैं. वहीं, नैनीताल के लॉन्ग व्यू पब्लिक स्कूल के प्रिंसिपल भुवन त्रिपाठी का कहना है कि उन्होंने स्कूल खोलने की तैयारियां पूरी की हैं, लेकिन बच्चे नहीं आए हैं.
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दूसरी ओर नैनीताल के सभी सरकारी स्कूल खोल दिए गए हैं. स्कूल में छात्र-छात्राओं के लिए सैनिटाइजेशन, सोशल डिस्टेंसिंग, थर्मल स्क्रीनिंग की सभी व्यवस्था की गई हैं. इसके बावजूद भी स्कूलों में छात्र संख्या काफी कम रही. नैनीताल के आदर्श राजकीय बालिका इंटर कॉलेज की प्रिंसिपल सावित्री दुगताल का कहना है कि स्कूल में कोविड-19 के सभी नियमों का पालन किया गया है, जिससे बच्चों में संक्रमण फैलने से रोका जाए. इसके बावजूद भी बच्चे स्कूल नहीं पहुंचे हैं.
वहीं, करीब 7 महीने बाद अपने स्कूल वापस पहुंची छात्राओं का कहना है कि लॉकडाउन के दौरान उन्हें ऑनलाइन पढ़ाई में काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ा था, लेकिन अब एक बार फिर से स्कूल खुल चुके हैं. अब वह शिक्षकों के साथ बैठकर अपनी समस्याओं का निदान करवाएंगे. साथ ही कहा कि वो कोरोना को लेकर विशेष एहतियात बरत रहे हैं, जिससे कोरोना का संक्रमण न फैले.