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पंचायती राज दिवस पर मिलिए रूपा देवी से, महिलाओं को ऐसे कर रहीं सशक्त

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Published : Apr 24, 2020, 6:28 PM IST

Updated : Apr 24, 2020, 7:18 PM IST

हल्द्वानी की ब्लॉक प्रमुख रूपा देवी अपने इलाके की महिलाओं को सशक्त बनाने और रोजगार मुहैया कराने का काम कर रहीं हैं.

Salute to women power
ब्लॉक प्रमुख रूपा महिलाओं को कर रहीं सशक्त

हल्द्वानी: राष्ट्रीय पंचायती राज दिवस के मौके पर मिलिए हल्द्वानी ब्लॉक प्रमुख रूपा देवी से. रूपा देवी अपने इलाके में महिलाओं को सशक्त करने के साथ-साथ उन्हें आगे बढ़ने का अवसर भी मुहैया कराती हैं. हल्द्वानी के खड़कपुर गांव की रहने वालीं रूपा गृहणी की भूमिका निभाते हुए इलाके को विकास के रास्ते पर ले जाते हुए नई पहचान दिला रहीं हैं.

ब्लॉक प्रमुख रूपा महिलाओं को कर रहीं सशक्त

उत्तराखंड की तीन पंचायतों को पुरस्कार

केंद्र सरकार की तरफ से उत्तराखंड की 3 ग्राम पंचायतों को अलग-अलग पुरस्कारों के लिए चुना गया है. इन ग्राम पंचायतों को केंद्र द्वारा सम्मान राशि भी दी जानी है.

1. खेड़ली ग्राम पंचायत, बहादराबाद, हरिद्वार

  • हरिद्वार जिले की खेड़ली ग्राम पंचायत को नानाजी देशमुख राष्ट्रीय ग्राम गौरव पुरस्कार से सम्मानित किया गया है.
  • ये पुरस्कार ग्राम पंचायत क्षेत्र में सामाजिक और आर्थिक विकास के लिए बेहतर कार्य करने पर दिया जाता है.
  • इसके तहत 10 लाख रुपये सम्मान राशि के तौर पर दिये जाते हैं.

2. केदारवाला ग्राम पंचायत, विकास नगर

  • देहरादून जिले की विकासनगर तहसील के तहत पड़ने वाली केदारवाला ग्राम पंचायत को ग्राम पंचायत विकास योजना के तहत चुना गया है.
  • ये पुरस्कार ग्राम पंचायत के स्तर पर ग्राम पंचायत विकास योजना को बेहतर तरीके से तैयार करने के लिए देश की सर्वश्रेष्ठ पंचायतों को दिया जाता है.
  • इसके तहत 5 लाख रुपये सम्मान राशि के तौर पर दिये जाते हैं

3. बैलपड़ाव, कोटाबाग, नैनीताल

  • नैनीताल जिले की बैलपड़ाव ग्राम पंचायत बाल हितैषी ग्राम पंचायत पुरस्कार के लिए चुनी गयी है.
  • ये पुरस्कार ग्राम पंचायत स्तर पर बच्चों के विकास के लिए बेहतरीन वातावरण तैयार करने के लिए राज्य स्तर पर दिया जाता है.
  • इसके तहत सम्मान की राशि भी 5 लाख रुपये निर्धारित की गई है.

ये भी पढ़ें: केंद्र में उत्तराखंड का डंका, राज्य की 3 पंचायतों को मिला सर्वश्रेष्ठ पुरस्कार

कैसे आया था पंचायती राज

2 अक्टूबर 1959 को पंचायती राज की मजबूत नींव देश के पहले प्रधानमंत्री पंडित जवाहरलाल नेहरू ने रखी थी. उस पर अधिकारों की एक इमारत खड़ी करने का काम राजीव गांधी ने किया था. पंचायती राज से जुड़ी संस्थाएं मजबूती से विकास कार्य कर सकें. इस सोच के साथ राजीव गांधी ने देश में पंचायती राज व्यवस्था को सशक्त किया. राजीव गांधी का मानना था कि जब तक पंचायती राज व्यवस्था सफल नहीं होगी, तब तक निचले स्तर तक लोकतंत्र नहीं पहुंच सकता.

भारत में हर साल 24 अप्रैल को राष्ट्रीय पंचायती राज दिवस मनाया जाता है. ये दिन भारतीय संविधान के 73वें संशोधन अधिनियम, 1992 के पारित होने का प्रतीक है, जो 24 अप्रैल 1993 से लागू हुआ था.

Last Updated : Apr 24, 2020, 7:18 PM IST

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