उत्तराखंड

uttarakhand

ETV Bharat / state

सौभाग्य योजना के तहत लाखों घर हुए रौशन, RTI से मिली जानकारी - rti uttarakhand

सौभाग्य योजना के तहत हल्द्वानी में 1,53,627 परिवारों को मुफ्त बिजली प्रदान की गई है. जिसके लिए प्रदेश सरकार ने लगभग 34 करोड़ रुपये खर्य किए हैं.

haldwani
सौभाग्य योजना.

By

Published : Jul 4, 2020, 2:16 PM IST

हल्द्वानी:प्रदेश में केंद्र सरकार की ओर से चलायी जा रही बिजली सौभाग्य योजना से करीब 1,53,627 परिवारों को मुफ्त बिजली प्रदान की गई है. इसके लिए प्रदेश सरकार को कुल 34 करोड़ 3 लाख रुपए खर्च करने पड़े. वहीं विभाग को मात्र 4 करोड़ 2 लाख रुपए की राशि ही प्राप्त हुई है.

सौभाग्य योजना.

पढ़ें-ऋषिकेश से श्रीनगर का सफर नौ किलोमीटर हुआ कम, जानिए कैसे

आपको बता दें कि हल्द्वानी निवासी हेमंत गोनिया ने उत्तराखंड पावर कॉरपोरेशन लिमिटेड से आरटीआई के तहत से जानकारी मांगी थी. इस पर विभाग ने बताया कि अप्रैल की 2020 तक 1,53,627 परिवारों को बिजली कनेक्शन दिए गए हैं. इसके लिए केंद्र सरकार विद्युत विभाग को प्रति कनेक्शन तीन हजार रुपये उपलब्ध कराती है.

वहीं, इसपर आरटीआई कार्यकर्ता हेमंत गोनिया का कहना है कि सरकार ने मैदानी इलाकों में घर-घर बिजली पहुंचाने का काम किया है. लेकिन इस मामले में पहाड़ी क्षेत्रों के हालात अभी भी खराब हैं. पहाड़ के कई गांव दशकों से अंधेरे में डूबे हुए हैं. ऐसे में सरकार को उन इलाकों में अधिक ध्यान देने की जरूरत है. पर्वतीय जनपदों को इस योजना का लाभ ज्यादा मिलना चाहिए.

प्रदेश में केंद्र सरकार की ओर से चलायी जा रही बिजली सौभाग्य योजना से करीब 1,53,627 परिवारों को मुफ्त बिजली प्रदान की गई है. जिसके लिए प्रदेश सरकार को कुल 34 करोड़ 3 लाख रुपए खर्च करने पड़े. वहीं विभाग को मात्र 4 करोड़ 2 लाख रुपए की राशि ही प्राप्त हुई है.

पढ़ें-आज लेते हैं प्लास्टिक बैग के उपयोग को कम करने का संकल्प

आपको बता दें कि हल्द्वानी निवासी हेमंत गोनिया ने उत्तराखंड पावर कॉरपोरेशन लिमिटेड से आरटीआई के तहत जानकारी मांगी थी. जिस पर विभाग ने बताया कि अप्रैल की 2020 तक 1,53,627 परिवारों को बिजली कनेक्शन दिए गए हैं. इसके लिए केंद्र सरकार विद्युत विभाग को प्रति कनेक्शन तीन हजार रुपये उपलब्ध कराती है.

वहीं, इसपर आरटीआई कार्यकर्ता हेमंत गोनिया का कहना है कि सरकार ने मैदानी इलाकों में घर-घर बिजली पहुंचाने का काम किया है. लेकिन इस मामले में पहाड़ी क्षेत्रों के हालात अभी भी खराब हैं. पहाड़ के कई गांव दशकों से अंधेरे में डूबे हुए हैं. ऐसे में सरकार को उन इलाकों में अधिक ध्यान देने की जरूरत है. पर्वतीय जनपदों को इस योजना का लाभ ज्यादा मिलना चाहिए.

ABOUT THE AUTHOR

...view details