नैनीतालः राज्य सरकार द्वारा रोडवेज कर्मचारियों पर एस्मा लगाए जाने और लंबे समय से वेतन न देने के मामले में नैनीताल हाईकोर्ट ने सख्त रुख अपनाया है. कोर्ट ने राज्य सरकार को रोडवेज कर्मचारियों के वेतन के लिए 12 करोड़ रुपए अवमुक्त करने के आदेश दिए हैं. साथ ही कोर्ट ने मामले में राज्य सरकार को शपथ पत्र द्वारा जवाब पेश करने के आदेश दिए हैं.
रोडवेज कर्मचारियों के मामले में परिवहन सचिव शैलेश बगौली व्यक्तिगत रूप से कोर्ट में पेश हुए. जहां उन्होंने कोर्ट में कहा कि तत्काल परिवहन निगम 12 करोड़ रुपए उनके वेतनमान व अन्य सुविधाओं के लिए जारी करेगा.
वहीं कोर्ट ने टिप्पणी में कहा कि अगर कर्मचारियों को वेतन दिए जाने में लापरवाही होगी तो संबंधित विभागीय अधिकारियों का वेतन रोकने पर भी कोर्ट विचार कर सकता है. आपको बता दें कि रोडवेज एसोसिएशन द्वारा नैनीताल हाईकोर्ट में जनहित याचिका दायर कर कहा गया था कि राज्य सरकार कर्मचारियों के खिलाफ एस्मा लगाने जा रही है जो सरासर गलत है.
सरकार कर्मचारियों को हड़ताल करने पर मजबूर कर रही है और सरकार व परिवहन निगम न तो संविदा कर्मचारियों को नियमित कर रहे हैं, न ही उनको नियमित वेतन दे रहे हैं और उनको पिछले 4 साल से ओवरटाइम का पैसा तक नहीं दिया गया. वहीं रिटायर्ड कर्मचारियों के देय का अब तक भुगतान नहीं किया गया है.
नैनीताल हाई कोर्ट से रोडवेज कर्मचारियों को राहत. कर्मचारी यूनियन का सरकार व निगम के साथ कई बार मांगों को लेकर समझौता हो चुका है, लेकिन उसके बाद भी सरकार कर्मचारियों पर एस्मा लगाने जा रही है. साथ ही याचिका में कहा है कि सरकार पर निगम का 45 करोड़ रुपया बकाया है वहीं उत्तर प्रदेश परिवहन निगम द्वारा उत्तराखंड परिवहन निगम को 700 करोड़ देना है, जिस वजह से उत्तराखंड परिवहन निगम को काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है.
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उन्होंने याचिका में कहा कि उत्तर प्रदेश से 700 करोड़ लेने के लिए राज्य सरकार कोई प्रयास नहीं कर रही है. मामले की सुनवाई करते हुए हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश रमेश रंगनाथन और न्यायाधीश आलोक कुमार वर्मा की खंडपीठ ने दोनों राज्यों की सरकार को जवाब पेश करने के आदेश दिए हैं.