उत्तराखंड

uttarakhand

SIT से परेशान रिटायर्ड लेफ्टिनेंट कर्नल ने ली हाई कोर्ट की शरण, कोर्ट ने सरकार से मांगा जवाब

By

Published : Dec 6, 2019, 10:11 PM IST

शुक्रवार को याचिका पर सुनवाई करते हुए नैनीताल हाईकोर्ट के वरिष्ठ न्यायाधीश आलोक सिंह व न्यायाधीश रविंद्र साहनी की खंडपीठ ने राज्य सरकार को जवाब पेश करने के आदेश दिए हैं. कोर्ट ने सरकार से पूछा है कि एसआईटी को उत्पीड़न करने का अधिकार किसने दिया. मामले की अगली सुनवाई 11 दिसंबर को होगी.

nainital
हाई कोर्ट

नैनीताल:देहरादून में रिटायर्ड लेफ्टिनेंट कर्नल का एसआईटी द्वारा उत्पीड़न किए जाने का मामला नैनीताल हाईकोर्ट की शरण में पहुंच गया है. नैनीताल हाईकोर्ट के वरिष्ठ न्यायाधीश आलोक सिंह और न्यायाधीश रविंद्र मैंठाणी की खंडपीठ ने मामले को गंभीरता से लेते हुए राज्य सरकार को विस्तृत जवाब पेश करने के आदेश दिए हैं.

SIT से परेशान रिटायर्ड लेफ्टिनेंट कर्नल

देहरादून निवासी रिटायर्ड लेफ्टिनेंट कर्नल वासुदेव कुकरेती ने नैनीताल हाईकोर्ट में याचिका दायर की. जिसमें उन्होंने कहा कि उनका देहरादून में टंडन मार्ग पर पुश्तैनी घर है. जिसमें करीब 100 से अधिक कमरे है, जिसमें किसी अराजक तत्वों ने कब्जा करके तोड़ दिया. इतना ही नहीं अराजक तत्वों ने कुकरेती के खिलाफ एसआईटी लैंड में शिकायत भी की है.

पढ़ें- सदन कृषि मंत्री सुबोध उनियाल की फिसली जुबान, नेताजी और महात्मा गांधी को लेकर कही ये बात

कुकरेती का आरोप है कि एसआईटी अब उन्हें ही परेशानी कर रही है. एसआईटी के अधिकारी उन पर समझौता करने के दबाव बना रहे हैं. इसी को लेकर उन्होंने नैनीताल हाई कोर्ट में एक याचिका दायर की है. कुकरेती का आरोप है कि एसआईटी के अधिकारी उनको बार-बार सम्मन भेज कर पूछताछ के लिए बुला रहे हैं और उनका बेवजह उत्पीड़न कर रहे हैं.

शुक्रवार को याचिका पर सुनवाई करते हुए नैनीताल हाईकोर्ट के वरिष्ठ न्यायाधीश आलोक सिंह व न्यायाधीश रविंद्र साहनी की खंडपीठ ने राज्य सरकार को जवाब पेश करने के आदेश दिए हैं. कोर्ट ने सरकार से पूछा है कि एसआईटी को उत्पीड़न करने का अधिकार किसने दिया. मामले की अगली सुनवाई 11 दिसंबर को होगी.

ABOUT THE AUTHOR

...view details