हल्द्वानीः हिंदी भाषा के संरक्षण के लिए सरकार और संस्थाएं हिंदी दिवस को बड़े जोर शोर से बनाने का संकल्प लिया जाता है. सरकार द्वारा सरकारी स्कूल हो या सरकारी कार्यालय सभी जगह हिंदी का प्रयोग होना अनिवार्य किया गया है. सरकारी स्कूलों में जब बच्चे को दाखिला दिया जाता है तो उसकी शुरुआत हिंदी वर्णमाला से की जाती है और हिंदी वर्णमाला उस बच्चे का भविष्य होता है लेकिन सरकारी स्कूल के बच्चों को हिंदी वर्णमाला तक भी याद नहीं है.
ऐसे में सरकार हिंदी के बढ़ावा की बात तो करती है लेकिन ईटीवी भारत के रियलिटी टेस्ट में सरकारी स्कूल के बच्चों की हकीकत देखिए सुनिए किस तरह से बच्चे हिंदी के वर्णमाला को भी नहीं सुना पा रहे हैं. सरकार हिंदी को बढ़ावा देने के लिए कई तरह के कार्यक्रमों का आयोजन तो करती है लेकिन इसका हकीकत प्रदेश के सरकारी विद्यालयों में देखने को मिल सकता है जहां पढ़ाई की शुरुआत हिंदी के वर्णमाला से की जाती है मगर यहां के बच्चे हिंदी के वर्णमाला भी नहीं सुना पा रहे हैं.