हल्द्वानी: कुमाऊं की लाइफ लाइन कही जाने वाली रानीबाग पुल को आखिरकार 45 दिनों बाद भारी वाहनों के आवाजाही लिए खोल दिया गया. बता दें कि डेढ़ माह पूर्व भारी बारिश से इस पुल का एक हिस्सा ध्वस्त हो गया था. जिसकी वजह इस मार्ग पर भारी वाहनों की आवाजाही पूर्ण रूप से प्रतिबंधित था.
डेढ़ माह पूर्व काठगोदाम रानीबाग पुल का एक हिस्सा और सड़क भारी बारिश के कारण क्षतिग्रस्त हो गया था, जिसके बाद से हल्द्वानी से भीमताल आने जाने वाले भारी वाहनों की आवाजाही को प्रतिबंधित कर दिया गया था. हल्द्वानी से भीमताल आने जाने वाले केवल छोटे वाहनों के लिए पुल को सुचारू किया गया था, लेकिन आज से भारी वाहनों के लिए पुल को पूर्ण रूप से सुचारू कर दिया गया है.
45 दिनों बाद खुला रानीबाग पुल. ये भी पढ़ें:उत्तराखंड में आ सकता है सबसे विनाशकारी भूकंप, 200 साल से जमा है असीमित ऊर्जा
गौरतलब है कि रानीबाग पुल का हिस्सा क्षतिग्रस्त होने से भारी वाहनों को ज्योलीकोट भवाली मार्ग होते हुए जाना पड़ रहा था. इससे अल्मोड़ा, बागेश्वर, चंपावत, पहाड़पानी, धारचूला, पिथौरागढ़, रानीखेत, भीमताल, धानाचुली, भवाली, मुनस्यारी समेत कुमाऊं मंडल की रोडवेज बसों, डंपर और कैंटर वाहन चालकों और यात्रियों को परेशानियों का सामना करना पड़ रहा था.
पुल का हिस्सा ढहने से ग्रामीणों को कई किलोमीटर पैदल चलकर शहर आना पड़ रहा था. वहीं, भीमताल, भवाली, अल्मोड़ा जाने वाले लोगों को 40 किलोमीटर की अतिरिक्त दूरी नापनी पड़ रही थी. लोगों की समस्या को देखते हुए डीएम धीराज सिंह ने लोक निर्माण के अधिकारियों से शीघ्र मार्ग खोलने को निर्देश दिए थे.
निर्माणदायी कंपनी के इंजीनियर शंकर त्रिवेदी ने बताया रोडवेज बस, ट्रक, डंपर सहित सभी मारी वाहनों के लिए पुल को आज से खोल दिया गया है. पुराने पुल के पास सड़क को सही कर दिया गया है. साथ टूटे पुल का निर्माण कार्य तेजी से चल रहा है.