हल्द्वानी: रनसाली रेंज अंतर्गत वन गुर्जरों और वन विभाग के बीच उपजा विवाद थमने का नाम नहीं ले रहा है. वन विभाग की टीम मंगलवार सुबह जहां रनसाली रेंज अंतर्गत जंगलों में रहने वाले कई गुर्जरों के खेत को नष्ट कर दिया. जिसके बाद नाराज गुर्जर हल्द्वानी स्थित मुख्य वन संरक्षक कार्यालय का घेराव करते हुए जमकर प्रदर्शन किए. प्रदर्शनकारियों ने आरोप लगाया कि वन विभाग गुर्जरों को उत्पीड़न करने का काम कर रहा है.
बिंदुखत्ता को राजस्व गांव की मांग को लेकर दिया धरना गुर्जरों का कहना है कि पिछले कई सालों से वनों में रहकर वनों की सुरक्षा के साथ-साथ अपने परिवार का आजीविका चला रहे हैं, लेकिन वन विभाग उनके द्वारा दोनों में किए जा रहे खेती को नष्ट करने का काम किया जा रहा है. गुर्जरों ने आरोप लगाया कि मंगलवार देर सुबह वन विभाग के कई अधिकारी और कर्मचारी बिना नोटिस दिए उनके फसलों को ट्रैक्टर से रौंद दिया गया.
वन विभाग द्वारा फसल बर्बाद किए जाने के बाद नाराज गुर्जर आज मुख्य वन संरक्षक कार्यालय के बाहर जमकर प्रदर्शन किया. प्रदर्शनकारियों ने कहा कि वन विभाग बेवजह गुर्जरों का उत्पीड़न कर रहा है. बिना नोटिस दिए गुर्जरों द्वारा बोए गए खेत को वन विभाग द्वारा बर्बाद कर दिया गया, जबकि कभी लोग घर में नहीं थे. यहां तक कि वन कर्मियों ने कई गुर्जर महिलाओं के साथ बदसलूकी भी की.
वन विभाग कार्यालय के बाहर वन गुर्जरों का प्रदर्शन गुर्जरों ने प्रदर्शन करते हुए कहा कि जिस तरह से रात के अंधेरे में गुर्जरों के साथ बदसलूकी की गई. ऐसे में वन विभाग के एसडीओ को तुरंत निलंबित किया जाए. वहीं, दिन भर चले हंगामे के बाद गुर्जरों ने चेतावनी दी है कि गुरुवार से भारी संख्या में गुर्जर समुदाय के लोग पहुंच अनिश्चितकालीन वन संरक्षक कार्यालय का घेराव करेंगे.
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वन संरक्षक जीवन चंद जोशी का कहना है कि गुर्जरों द्वारा वन अधिनियम का उल्लंघन करते हुए खेती का काम किया जा रहा थाय उनके द्वारा राज्य सरकार या केंद्र सरकार से किसी तरह का कोई शासनादेश नहीं है. ऐसे में गुर्जरों द्वारा खेती के नाम पर भारी मात्रा में वन भूमि को कब्जा किया गया था. जिसको हटाया गया है.
बिंदुखत्ता को राजस्व गांव की मांग को लेकर दिया धरना
बिन्दुखत्ता क्षेत्र के समाजसेवी रज्जी बिष्ट के नेतृत्व में दर्जानों लोगों ने बिंदुखत्ता राजस्व गांव बनाये जाने की मांग को लेकर कार रोड स्थित शहीद स्मारक पर एक दिवसीय धरना प्रदर्शन करते हुए उपवास रखा. जिसमें प्रदेश सरकार पर वादा खिलाफी का आरोप लगाते जमकर नारेबाजी की.
ग्रामीणों ने कहा कि बीते चार दशकों से राजस्व गांव की मांग करने वाली बिंदुखत्ता की जनता से पिछले विधानसभा चुनावों में भाजपा नेताओं ने राजस्व गांव बनाने का वादा किया था, लेकिन साढ़े तीन साल से अधिक समय बीतने के बाद भी सत्तारूढ़ पार्टी के विधायक और राज्य सरकार ने बिंदुखत्ता राजस्व गांव के सवाल पर कोई ठोस पहल नहीं की है. उन्होंने कहा कि भाजपा सरकार का भेदभाव बिंदुखत्ता और अन्य खत्तावासियों के लिए साफ दिखाई दे रहा है.