रामनगर: आज पहाड़ के सुर सम्राट के तौर पर पहचाने जाने वाले लोकगायक हीरा सिंह राणा की स्मृति में विशेष कार्यक्रम का आयोजन किया गया. इस मौके पर उनकी रचनाओं को याद करते हुए उन्हें याद किया गया. यूकेजे जेमर्स की ओर से हुए कार्यक्रम की शुरुआत में उनके चित्र पर माल्यार्पण किया गया. जिसके बाद वक्ताओं ने उनके जीवन के विभिन्न पहलुओं पर प्रकाश डाला.
प्रसिद्ध सुर सम्राट हीरा सिंह राणा के जयंती पर नविंदु मठपाल ने कहा कि हीरा सिंह राणा सफल लोग गायक होने के साथ ही बेहतरीन कवि भी थे. तीन दशक पहले हीरा की लिखी 17 कुमाऊंनी कविताओं का आज हिंदी अनुवाद करने वाले कुमाऊंनी साहित्यकार मथुरा दत्त मठपाल ने प्रतिभा को जानते हुए उनको कुमाऊं का हीरा की संज्ञा दी थी.
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शिक्षक मंडल के संयोजक नवेंदु मठपाल ने कहा केवल माध्यमिक कक्षा तक पढ़े हीरा सिंह राणा की कविताओं में पहाड़ की सुंदरता झलकती है, तो महिलाओं का संघर्ष और पलायन का दर्द भी महसूस होता है. मेरी नारी पराना, सहित अन्य गीतों में महिलाओं की सुंदरता का जितना बेहतरीन वर्णन किया है. वह कहीं और नहीं मिलता है.