हल्द्वानी:पहाड़ों में हो रही बारिश से नदी नालों का जलस्तर बढ़ गया है. मौसम विभाग ने अगले 6 जुलाई तक प्रदेश में तेज बारिश की आशंका जताई है. देहरादून मौसम विज्ञान केंद्र ने प्रदेशभर में येलो अलर्ट जारी किया है. सोमवार को बारिश के कारण हल्द्वानी से महज 7 किलोमीटर दूर सूखी नदी में तेज पानी आ गया. इस दौरान नदी पार जा रही शव यात्रा पानी के तेज बहाव के कारण नदी किनारे ही रुक गई. लेकिन नदी का बहाव काफी तेज होने के कारण लोगों को उस पार जाने के लिए घंटों इंतजार करना पड़ा. काफी इंतजार के बाद पानी का बहाव कम हुआ तो लोगों ने वाहन से शव को नदी पार कराया और अंतिम संस्कार की विधि पूरी की.
नदी ने रोकी शव यात्रा, घंटों इंतजार के बाद हुआ अंतिम संस्कार, चुनाव बहिष्कार के बाद भी नहीं मिला पुल
हल्द्वानी में नदी में पानी आ जाने से शव यात्रा को नदी के उस पार जाने के लिए घंटों इंतजार करना पड़ा. नदी में पानी कम हुआ तो लोगों ने वाहन से नदी पार की. इसके बाद अंतिम संस्कार की विधि पूरी हुई.
दरअसल, विजयपुर गांव की बुजुर्ग महिला प्रतिमा देवी का सोमवार को निधन हो गया. ग्रामीण शव यात्रा को रानीबाग ले जा रहे थे. लेकिन रानीबाग से पहले पड़ने वाली सूखी नदी में बारिश का पानी आ जाने से शव यात्रा घंटों रुकी रही. ग्रामीणों का कहना है कि बरसात के समय में सूखी नदी में पानी आ जाने से जिला मुख्यालय से विजयपुर गांव का संपर्क कट जाता है. गांव जाने के लिए सूखी नदी ही एकमात्र रास्ता है. ग्रामीण पिछले कई दशकों से पुल की मांग को लेकर धरना प्रदर्शन करते आ रहे हैं, लेकिन सरकार द्वारा गांव को एक पुल तक नहीं दिया गया. लोगों का कहना है कि विजयपुर ब्रिटिश कालीन गांव है. लेकिन आज भी सड़क मार्ग नहीं होने के चलते ग्रामीणों को सबसे ज्यादा बरसात में मुसीबत उठानी पड़ती है. बरसात के समय स्कूली बच्चों को अभिभावक अपने कंधों पर रखकर नदी पार कराते हैं. ऐसे में हादसे का खतरा बना रहता है.
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ग्रामीणों का आरोप है कि सरकार विकास के बड़े-बड़े दावे तो करते हैं लेकिन हल्द्वानी से 7 किलोमीटर दूर सुखी नदी पर एक पुल तक नहीं बना पाई है. पूर्व में ग्रामीणों ने चुनाव बहिष्कार भी किया, लेकिन सरकार और प्रशासन पर इसका कोई असर देखने को नहीं मिला. आज भी ब्रिटिश कालीन विजयपुर गांव विकास से कोसों दूर है. वहीं, तस्वीरों में भी साफ देखा जा सकता है कि नदी में भारी मात्रा में पानी है. लेकिन लोग मजबूरन जान जोखिम में डालकर नदी को पार कर रहे हैं.