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श्मशान घाट में खुले में फेंका जा रहा पीपीई किट और बायो मेडिकल वेस्ट, लोगों ने जताया विरोध - PPE kit and bio-medical waste lying in Haldwani graveyard

हल्द्वानी श्मशान घाट में रोजाना 10 से 15 कोविड संक्रमितों के शव अंतिम संस्कार के लिए आ रहे हैं. ऐसे में अंतिम संस्कार के बाद पीपीई किट, गल्वस और मास्क को खुले में फेंका जा रहा है. जिसका स्थानीय लोगों ने जमकर विरोध किया.

पीपीई कीट और बायो मेडिकल वेस्ट खुले में पड़ा
पीपीई कीट और बायो मेडिकल वेस्ट खुले में पड़ा

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Published : Apr 28, 2021, 8:24 AM IST

हल्द्वानी: कोरोना संक्रमण का कहर चारों ओर तेजी से फैल रहा है. हालात इतने खराब हो चुके हैं कि मरीजों के अंतिम संस्कार के लिए लंबी-लंबी लाइन देखी जा रही है. हल्द्वानी में कोविड से मरने वालों का अंतिम संस्कार हल्द्वानी के राजपुरा स्थित श्मशान घाट में किया जा रहा है. श्मशान घाट में रोजाना 10 से 15 कोविड संक्रमितों के शव अंतिम संस्कार के लिए आ रहे हैं. ऐसे में अंतिम संस्कार के दौरान पीपीई किट, गल्वस और मास्क का इस्तेमाल करने के बाद उसको खुले में फेंका जा रहा है.

श्मशान घाट में खुले में फेंका जा रहा पीपीई किट और बायो मेडिकल वेस्ट.

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संक्रमण फैलने के खतरे को देखते हुए स्थानीय लोगों ने शमशान घाट के बाहर जमकर हंगामा किया. लोगों ने आरोप लगाया कि कोविड संक्रमित शवों के अंतिम संस्कार में लापरवाही बरती जा रही है. अंतिम संस्कार के बाद खुले में जगह-जगह पीपीई किट, गल्वस सहित अन्य बायो मेडिकल वेस्ट फेंका जा रहा है, जिससे संक्रमण फैलने का खतरा बना हुआ है.

खुले में पड़ा पीपीई किट

स्थानीय पार्षद महेश चंद्र के नेतृत्व में भारी संख्या में लोगों ने श्मशान घाट पहुंचकर हंगामा किया. मौके पर पहुंचे जिला प्रशासन, पुलिस प्रशासन और तहसीलदार नितेश डांगर ने किसी तरह लोगों को समझा-बुझाकर मामला शांत कराया. जिसके बाद नगर निगम को निर्देशित किया गया कि दिन में दो बार श्मशान घाट को पूरी तरह से सैनिटाइज किया जाए. साथ ही वहां पर बायो मेडिकल वेस्ट के अलावा अन्य सामग्रियों को डालने के लिए डस्टबिन लगाए जाए, जिससे संक्रमण फैलने का खतरा ना रहे.

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