हल्द्वानी:सब्जियों के राजा के तौर पर आलू को जाना जाता है. आलू के बगैर सब्जियों का स्वाद अधूरा ही रहता है. लेकिन अगर हम बात करें आलू की तो नैनीताल के आलू के स्वाद की बात ही अलग है. नैनीताल का आलू उत्तराखंड के अलावा कई राज्यों में अपनी पहचान बना चुका है. यहां के आलू की डिमांड देश की अन्य मंडियों में भरपूर मात्रा में की जाती है.
नैनीताल जिले के पहाड़ी क्षेत्रों के काश्तकारों का आलू आजीविका का मुख्य साधन है. पहाड़ के आलू की स्वाद की बात ही अलग है. ऐसे में नैनीताल के आलू की पहचान देश के उत्तर प्रदेश, पंजाब, हरियाणा, राजस्थान के अलावा अन्य राज्यों की मंडियों में खूब की जा रही है. अब तो नैनीताल के आलू की पहचान अमेरिका में भी बन रही है. यहां भारतीय कम्युनिटी के लोग इसको बहुत पसंद कर रहे हैं.
अमेरिका तक नैनीताल के आलू की पहचान.
हल्द्वानी मंडी में पहाड़ के आलू व्यापारी नवीन पाठक ने बताया कि उनकी आढ़त से देश की अन्य मंडियों में आलू की खूब डिमांड की जा रही है. उन्होंने एक क्विंटल आलू अमेरिका के पेंसिलवेनिया माउंटेन टॉप को भेजा है. वहां हल्द्वानी निवासी एनडी गुप्ता रहते हैं. नवीन पाठक ने बताया कि एनडी गुप्ता की डिमांड पर इसी सप्ताह ट्रांसपोर्ट के माध्यम से एक क्विंटल आलू अमेरिका भेजा है.
उन्होंने बताया कि 25-25 किलो की उच्च क्वालिटी की पैकेजिंग के माध्यम से आलू भेजा है. जिससे रास्ते में आलू खराब न हो. उन्होंने बताया कि एनडी गुप्ता पूर्व में भी उनसे आलू मंगा चुके हैं. वहां वह भारतीय कम्युनिटी के लोगों को पहाड़ के आलू का स्वाद चखाते हैं.
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आलू कारोबारी दीपक कुमार ने बताया कि नैनीताल जनपद के ओखलकांडा, धारी, रामगढ़ के इलाकों में अधिक मात्रा में आलू की पैदावार होती है. यहां के काश्तकारों का आलू उत्पादन मुख्य रोजगार का संसाधन है. जून माह से लेकर अक्टूबर माह तक यहां पर आलू की भरपूर पैदावार होती है. इन दिनों हल्द्वानी मंडी से रोजाना 20 से 25 गाड़ियों के माध्यम से करीब 250 टन आलू रोजाना देश की अलग-अलग मंडियों में जा रहा है. जहां किसानों को अपने आलू की कीमत ₹15 से लेकर ₹20 किलो तक मिला है.
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