उत्तराखंड

uttarakhand

ETV Bharat / state

Phooldei Festival 2023: उत्तराखंड में धूमधाम से मनाया जा रहा है फूलदेई का त्यौहार, ये है विशेषता - फूलदेई पर्व

आज उत्तराखंड का लोकपर्व फूलदेई है. बच्चे घर-घर जाकर फूलदेई का त्यौहार मना रहे हैं. फूलदेई वसंत ऋतु के स्वागत का त्यौहार है. इसे प्रकृति को समर्पित त्यौहार माना जाता है.

Phooldei Festival 2023
फूलदेई समाचार

By

Published : Mar 15, 2023, 9:35 AM IST

Updated : Mar 15, 2023, 5:18 PM IST

रामनगर:उत्तराखंड में कई लोकपर्व बनाये जाते हैं. उनमें से एक है फूलदेई छम्मा देई का पर्व. बता दें कि फूलदेई वसंत ऋतु के आगमन का प्रतीक है. इस पर्व में बच्चे परंपरानुसार सुबह-सवेरे ही अपने गांव, मोहल्ले के घरों में जा कर उनकी देहरियों (धेलियां) पर रंग बिरंगे फूलों को बिखेरते हैं. गीत गाते हुए सुख समृद्धि की मंगलकामना करते हैं. फूलदेई को सीधे तौर पर प्रकृति से जोड़कर मनाया जाता है. वहीं अपनी जड़ों से भी जोड़ कर रखने का त्यौहार माना जाता है.

आज है फूलदेई का त्यौहार: फूल देई छम्मा देई का उत्तराखंड का लोकपर्व अब आधुनिकता की वजह से विलुप्त होने की कगार पर है. लेकिन कई परिवारों के जागरूक होने से वे इस परंपराओं को अपनी नई पीढ़ी को बता व सिखा रहे हैं. बता दें कि चैत्र महीने की संक्रांति के दिन पहाड़ में फूलदेई लोकपर्व जाता है. आधुनिकता की होड़ में ये पर्व लगातार हाशिए पर जा रहा है.

अब गांवों तक सिमटा फूलदेई का त्यौहार: फूलदेई अब गांवों तक ही सीमित रह गई है. नगर और शहरों में ये परंपरा लोग भूलने लगे हैं. फूलदेई का त्यौहार वसंत ऋतु के स्वागत में मनाया जाता है. बच्चे और बच्चियां सुबह सवेरे स्नान करके खेत और जंगलों से फूल इकट्ठा करके लाते हैं. प्योंली, बुरांश, आड़ू, खुमानी और पुलम आदि के फूल चुने जाते हैं. इसके बाद एक टोकरी में फूलों को रखकर फूलदेई कहते हुए गांव भर में जाते हैं.
ये भी पढ़ें: Chardham Yatra: इस बार गंगोत्री और यमुनोत्री धाम के लिए भी यात्रियों को कराना होगा रजिस्ट्रेशन, पढ़ें पूरी खबर

गांव में हर घर के दरवाजे पर फूल डालते हुए बच्चे गाते हैं...फूलदेई छम्मा देई...इसके बाद उस घर के लोग बच्चों को गुड़, पकवान और पैसे देकर आशीर्वाद देते हैं. इस तरह उत्तराखंड में वसंत के स्वागत का त्यौहार फूलदेई धूमधाम से मनाया जाता है. आज भी फूलदेई पर बच्चे घरों में जाकर फूलदेई गाकर इस त्यौहार को मना रहे हैं.

बागेश्वर में फूलदेई:जिले में आज चैत्र महीने के दिन फूलदेई का त्यौहार धूमधाम से मनाया गया. बच्चों ने घर-घर जाकर लोगों के घरों और मंदिरों में फूलों से देहरी में पूजा की. पूजन करने पर लोगों ने बच्चों को तरह-तरह की मिठाइयां, गुड़ा, चावल और पैसे दिए. चैत के महीने की संक्रांति को, जब ऊंची पहाड़ियों से बर्फ पिघल जाती है, सर्दियों के मुश्किल दिन बीत जाते हैं और पहाड़ बुरांश के लाल फूलों की चादर ओढ़ने लगते हैं, तब पूरे इलाके की खुशहाली के लिए फूलदेई का त्योहार मनाया जाता है. ये त्यौहार आमतौर पर किशोरी लड़कियों और छोटे बच्चों का पर्व है.

श्रीनगर में भी धूम:श्रीनगर में भी फूलदेई त्योहार को लेकर लोगों में खासा उत्साह दिखा. पारंपरिक वेश-भूषा के साथ छोटे-छोटे बच्चों ने नगर क्षेत्र में घूम कर लोगों के आंगन में फूल डाले. वहीं स्थानीय लोगों ने भी पांरपरिक लोक गीतों के साथ शेभा यात्रा निकालकर लोगों को फूलदेई पर्व की शुभकामनांए दी. फूलदेई उत्तराखंड के लोक त्यौहारों में से एक है. फूलदेई संचालन समिति द्वारा बच्चों संग आज सुबह 5:30 बजे नागेश्वर महादेव मंदिर से नगर क्षेत्र में भव्य शोभायात्रा निकाली गयी और लोगों के घरों की देहरियों पर फूल डाले गए.

इस अवसर पर आयोजित होने वाली स्वांणी फुलारी प्रतियोगिता जहां आकर्षण का केंद्र रही वहीं कई अन्य प्रतियोगिताएं भी इस दौरान आयोजित की गयीं. फूलदेई शोभायात्रा के तहत स्व. लोकेश बलूनी स्मृति में वीडियो एवं फोटोग्राफी प्रतियोगिता का भी आयोजन किया गया. दोनों ही प्रतियोगिता में प्रथम पुरस्कार 2100 रु, द्वितीय 1500रु, तृतीय 1000 रु दिए जाएंगे. समिति द्वारा बताया गया कि फूलदेई पर्व पर स्व. चेतना नौटियाल स्मृति में लोकगीत और लोकनृत्य प्रतियोगिता और स्व. तिलक मोहन पुंडीर की स्मृति में चित्रकला व निबंध प्रतियोगिता का आयोजन किया गया.

Last Updated : Mar 15, 2023, 5:18 PM IST

ABOUT THE AUTHOR

...view details