हल्द्वानी:उत्तराखंड हाईकोर्ट के आदेश पर नैनीताज जिले के हल्द्वानी में जिला प्रशासन रेलवे की जमीन से अतिक्रमण हटाने की तैयारी कर रहा है. हल्द्वानी के वनभूलपुरा क्षेत्र में रेलवे की जमीन पर बने करीब 4,500 घरों को तोड़ा जाना है. जिला प्रशासन और रेलवे ने इसका पूरा प्लान भी तैयार कर लिया है. वहीं, जिला प्रशासन और रेलवे की इस कार्रवाई को लेकर वनभूलपुरा क्षेत्र के लोगों ने विरोध प्रदर्शन किया.
हल्द्वानी के 4,500 परिवारों को सता रहा आशियाना उजड़ने का डर, जानिए किससे गुस्सा हैं लोग - 4,500 घरों को तोड़ा जाना है
हल्द्वानी रेलवे स्टेशन के पास बसे करीब 4,500 परिवारों को अपने आशियाने उजड़ने का डर सता रहा है. इसी को लेकर उन्होंने बुधवार को हल्द्वानी में एसडीएम कोर्ट के सामने विरोध प्रदर्शन किया. प्रदर्शनकारियों का कहना है कि जिसे रेलवे अपनी जमीन बता रहा है, वहां पर वो पिछले कई सालों से रह रहे हैं.
बुधवार को बड़ी संख्या में प्रदर्शनकारी एसडीएम कोर्ट पहुंचे और प्रशासन के खिलाफ नारेबाजी की. प्रदर्शनकारियों का कहना है कि रेलवे और जिला प्रशासन नाजायज तरीके से उन्हें उनकी जमीन से ही हटा रहे हैं. जिला प्रशासन और रेलवे द्वारा उनका उत्पीड़न किया जा रहा है. प्रदर्शनकारियों का कहना है कि रेलवे जिसे अपनी जमीन बता रहा है, वहां पर वो सालों से काबिज हैं. उनके पास उनके कागजात भी हैं. आरटीआई में इसका खुलासा हो चुका है कि वो जगह रेलवे की नहीं है.
पढ़ें-श्रीनगर: ग्रामीणों ने रेलवे विकास निगम को दिया अल्टीमेटम, सड़क नहीं बनी तो रोकेंगे निर्माण कार्य
प्रदर्शन कर रही महिलाओं का कहना है कि वो दो-तीन पीढ़ियों ये यहीं पर बसे हुए हैं. इन कॉलोनियों को पहले मलिन बस्ती घोषित किया गया था. सरकार की सभी योजनाओं का लाभ उन्हें मिल रहा है. क्षेत्र में बिजली, पानी और स्वास्थ्य की सभी सुविधाएं उन्हें सरकार की तरफ से दी जा रही हैं. उस जमीन पर कई सरकारी भवन भी बने हुए हैं, लेकिन अब रेलवे उसे अपनी जमीन बता कर उन्हें वहां से हटने को कह रहा है. सरकार को इस पूरे मामले में दखल देना चाहिए और उनके आशियाने को उजड़ने से बचाना चाहिए.