हल्द्वानी:भारत सरकार द्वारा चलाई गई महात्मा गांधी रोजगार गारंटी योजना की शुरुआत 2005 में ग्राम विकास और ग्रामीण क्षेत्रों के लोगों को रोजगार देने के लिए हुई थी. लेकिन अब इस योजना में मिलने वाले मेहनताना से नाराज होकर लोग इस योजना से मुंह मोड़ रहे हैं.
बात नैनीताल की करें तो जिले में 53170 मनरेगा कार्ड धारक हैं. जिसमें वित्तीय वर्ष में 21141 लोगों को रोजगार दिया गया है. इस योजना के तहत ग्रामीण इलाकों में जल संरक्षण, वृक्षारोपण ,बाढ़ नियंत्रण ,लघु सिंचाई सहित आवास निर्माण, बागवानी ,ग्रामीण संपर्क मार्ग का कार्य मनरेगा कार्ड धारकों से कराया जाता है.
मंहगाई के दौर में मात्र 175 रुपया मजदूरी वहीं मनरेगा में काम करने वाले मजदूरों का कहना है कि भारत सरकार द्वारा चलाए गए योजना से उनको विशेष लाभ नहीं मिल पा रहा है. इस महंगाई के दौर में 175 पर मजदूरी बहुत कम है. साथ ही सरकार द्वारा 100 दिन की रोजगार की गारंटी भी नहीं दी जा रही है. जिसके चलते लोग इस योजना से मुंह मोड़ रहे हैं.
वहीं ग्राम पंचायतों से जुड़े ग्राम प्रधानों का कहना है कि सरकार द्वारा चलाई गई योजना बहुत ही बड़ी योजना है. लेकिन योजना में काम करने वाले मजदूरों को उचित मजदूरी नहीं मिलना सबसे बड़ी समस्या है. ऐसे में मजदूर अब मनरेगा के काम में रुझान कम रख रहे हैं.
मुख्य विकास अधिकारी विनीत कुमार का कहना है कि मनरेगा के तहत अभी भी लोगों के आवेदन आ रहे हैं. जिले के हर ब्लाक के अंदर में मनरेगा का काम कराए जा रहे हैं. वित्तीय वर्ष में 30 करोड़ का लक्ष्य रखा गया था, जिसको पूरा कर लिया गया है.