रामनगर: जंगल में पेट्रोलिंग को लेकर लापरवाही बरतने वाले कर्मचारी अब कोई बहाना नहीं बना सकेंगे. रामनगर वन प्रभाग प्रशासन M-STrIPES App के जरिये अपने फील्ड कर्मचारियों की गश्त की पूरी डिटेल रखेगा. बता दें कि अब एम स्ट्राइप्स एप के जरिये रामनगर वन प्रभाग के डीएफओ अपने कर्मचारियों की गश्त पर पूरी नज़र रख रखेंगे. उन्होंने जंगल और वन्यजीवों की सुरक्षा को लेकर गश्त पर फोकस किया है.
वहीं जानकारी देते हुए रामनगर वन प्रभाग के डीएफओ कुंदन कुमार ने बताया कि अब हमारे द्वारा सभी को पेट्रोलिंग एप को डाउनलोड करने के निर्देश दिए गए हैं. उन्होंने कहा कि रामनगर वन प्रभाग वन बाहुल्य क्षेत्र है. ऐसे में गश्त को और पारदर्शी बनाने के लिए M-STrIPES App का इस्तेमाल किया जा रहा है.
जीपीएस से चलेगा ये एप:डीएफओकुंदन कुमार ने कहा कि इस क्षेत्र में बाघ, हाथी और अन्य वन्य जीव पाए जाते हैं. ऐसे में वन्यजीवों की सुरक्षा को लेकर जो गश्त की जाए वह प्रभावी तरीके से की जाए. उन्होंने कहा कि इस एप के इस्तेमाल को लेकर हमारे जितने भी वन कर्मी हैं, उनको प्रशिक्षित किया जा रहा है. उन्होंने कहा कि M-STrIPES App एक सॉफ्टवेयर है, जिसके माध्यम से वनकर्मी गश्त कर रहे हैं. उन्होंने कहा कि प्रभागीय कार्यालय में नोडल डेटा सेल बनाया गया है. उन्होंने बताया कि एप के माध्यम से गश्त की सूचनाएं रेंजों से आ रही हैं, उसके आधार पर महीने के अंत में पूरे विभाग की एक रिपोर्ट तैयार की जाती है.
रिपोर्ट के आधार पर पता चलता है कि कौन-कौन सी बीटों में पूर्ण रूप से गश्त हुई है और कौन सी बीट में आंशिक गश्त हुई है. कौन सी बीटें गश्त विहीन हैं. इस गश्त रिपोर्ट के आधार पर हमें ये भी पता चलेगा कि कौन से क्षेत्रों में वन्यजीवों की साइटिंग हो रही है. उन्होंने कहा कि वन्यजीवों का मूवमेंट पता चलने के कारण खास क्षेत्र में उनकी सुरक्षा को लेकर प्लानिंग बनेगी.
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बता दें कि वनकर्मी अक्सर जंगल में गश्त के दौरान एक ही रूट का इस्तेमाल करते हैं. इससे दूसरे क्षेत्र छूट जाते हैं. एप में रूट चार्ट का जिक्र करना जरूरी है. ऐसे में अब बड़े क्षेत्र में पेट्रोलिंग करना जरूरी हो जाएगा. वनकर्मी का नाम और बीट सभी रिकॉर्ड इसमें रहेंगे.
ढेला क्षेत्र से हटाया अतिक्रमण:कॉर्बेट टाइगर रिजर्व के ग्राम ढेला क्षेत्र से कॉर्बेट प्रशासन और कोतवाली पुलिस रामनगर की संयुक्त टीम ने आधा दर्जन से अधिक अतिक्रमणकारियों को हटाया. कॉर्बेट प्रशासन के अनुसार इन सभी के यहां पर बने मकान व दुकान अवैध थे. अवैध रूप से बसे इन लोगों को हटाने का नोटिस 2018 में कॉर्बेट की ओर से दिया गया था. लेकिन इनके द्वारा अतिक्रमण न हटाए जाने पर इनकी सुनवाई विभागीय न्यायालय में हुई. उसके बाद फैसले के खिलाफ हुई अपील में भी इन्हें विभाग से कोई राहत नहीं मिली थी.
ढेला क्षेत्र से अतिक्रमण हटाया बाद में यह लोग उच्च न्यायालय भी गए. लेकिन यहां से भी इनको कोई राहत नहीं मिल पाई थी. बाद में तीन माह पहले सभी को हटाने के आदेश दिये गए थे. लेकिन मॉनसून सीजन को देखते हुए वन विभाग ने इन्हें नहीं हटाया था. बीते दिनों विभाग की ओर से एक घर पर सांकेतिक तोड़ फोड़ की गई थी. जिसके बाद इस घर के लोगों ने अपना सामान स्वेच्छा से निकालकर अतिक्रमण हटाने का आश्वासन दिया था.
शनिवार को इसी अतिक्रमण को हटाने के लिए रामनगर कोतवाली से भरी पुलिस फोर्स मंगाकर वन विभाग के अधिकारियों का दस्ता मौके पर अतिक्रमण हटाने पहुंच गया. घंटों तक अधिकारियों व अतिक्रमणकारियों के बीच तीखी गहमागहमी होती रही. एक बार वन विभाग की जेसीबी एक भवन को तोड़ने के लिए आगे बढ़ी भी तो महिलाओं ने जेसीबी पर डंडे बरसाकर उसे पीछे हटने पर मजबूर कर दिया.
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इस दौरान मौके पर तैनात सभी अधिकारियों को अतिक्रमणकारियों के तीखे विरोध का सामना भी करना पड़ा. देर शाम अतिक्रमणकारियों ने भी प्रशासन के सामने हथियार डालते हुए अपना अतिक्रमण स्वयं हटाने का आश्वासन देते हुए अपने घरों से सामान निकालना शुरू कर दिया. इस दौरान मौके पर एसडीओ कालागढ़ शालिनी, कोतवाल अरुण सैनी, कश्मीर सिंह, एसआई अनीस अहमद, एसआई बीएस मेहता, विजय कुमार, ढेला रेंजर संचिता वर्मा, तहसीलदार विपिन चंद्र पंत, नायब तहसीलदार दयाल चंद्र मिश्रा सहित भारी संख्या में वन विभाग व पुलिस बल मौजूद रहा.