हल्द्वानी:कुमाऊं का एकमात्र महिला अस्पताल अपनी बदहाली पर आंसू बहा रहा है. आलम ये है कि हल्द्वानी के इस 100 बेड वाले हाइटेक अस्पताल में अल्ट्रासाउंड मशीन ठप है. यहां एक अदद रेडियोलॉजिस्ट तक तैनात नहीं है. ऐसे में गर्भवती महिलाओं को अल्ट्रासाउंड की सुविधा नहीं मिल पा रही है. लिहाजा, मरीजों को अल्ट्रासाउंड कराने के लिए इधर-उधर भटकना पड़ रहा है. साथ ही अल्ट्रासाउंड के लिए प्राइवेट अस्पतालों की ओर रुख करने पर उन्हें जेब भी ढीली करनी पड़ रही है.
बता दें कि कुमाऊं के सबसे बड़े राजकीय महिला अस्पताल हल्द्वानी (Government Women Hospital Haldwani) में रोजाना 10 से 15 महिलाओं का डिलीवरी होती है. इसके अलावा 150 से 200 महिलाएं रोजाना ओपीडी के लिए पहुंचती हैं. गर्भवती महिलाएं इलाज के लिए पहाड़ के साथ-साथ उत्तर प्रदेश के सीमावर्ती क्षेत्रों से भी आती हैं, लेकिन यहां पर अल्ट्रासाउंड मशीन के रेडियोलॉजी तैनात न होने के चलते उनके अल्ट्रासाउंड नहीं हो पा रहे हैं.
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बताया जा रहा है कि अस्पताल में दो अल्ट्रासाउंड रेडियोलॉजी के पद हैं, लेकिन दोनों पद खाली हैं. अस्थायी तौर पर एक डॉक्टर को पदमपुरी अस्पताल से महिला अस्पताल को अटैच किया गया है, लेकिन पिछले कई दिनों से रेडियोलॉजिस्ट के छुट्टी पर चले जाने या अन्य तकनीकी दिक्कतों के चलते महिलाओं का अल्ट्रासाउंड नहीं हो पा रहा है. ऐसे में गर्भवती महिलाओं को इधर-उधर भटकना पड़ रहा है. जिसका फायदा आशा वर्कर उठाकर उनको निजी अस्पताल तक ले जाती हैं और वहां पर कमीशन के चक्कर में मरीजों से मोटी रकम वसूली जाती है.