उत्तराखंड

uttarakhand

ETV Bharat / state

विधानसभा सचिवालय से बर्खास्त अन्य कर्मचारियों को भी नैनीताल HC से मिली राहत

नैनीताल हाईकोर्ट में मीनाक्षी शर्मा एवं 71 अन्य लोगों ने अपने बर्खास्तगी के आदेश को चुनौती थी. ऐसे में इस मामले को सुनने के बाद कोर्ट ने इन कर्मचारियों की बर्खास्तगी के आदेश पर अग्रिम आदेश तक रोक लगा दी है. साथ ही विधानसभा और सरकार से चार सप्ताह के भीतर इस मामले में जवाब पेश करने को कहा गया है.

Etv Bharat
Etv Bharat

By

Published : Oct 19, 2022, 4:40 PM IST

नैनीताल:उत्तराखंड हाईकोर्ट (Nainital HC) ने आज विधानसभा सचिवालय से बर्खास्त किये गए कर्मचारियों की बर्खास्तगी आदेश के खिलाफ दायर 71 से अधिक कर्मचारियों की याचिकाओं पर सुनवाई की. इस मामले को सुनने के बाद न्यायमूर्ति मनोज कुमार तिवारी की एकलपीठ ने विधानसभा सचिवालय के दिनांक 26, 27, 28 सितंबर के बर्खास्तगी के आदेश पर अग्रिम आदेश तक रोक लगा दी है. साथ ही कोर्ट ने विधानसभा सचिवालय और सरकार से चार सप्ताह के भीतर जवाब पेश करने को कहा है.

वहीं, कोर्ट ने अपने आदेश में कहा है कि यह कर्मचारी अपने पदों पर कार्य करते रहेंगे. सचिवालय चाहे तो रेगुलर नियुक्ति की प्रक्रिया शुरू कर सकता है. हाईकोर्ट ने अपने आदेश में कहा है कि ये कर्मचारी भविष्य में होने वाली नियुक्ति प्रक्रिया को बाधित नहीं करेंगे और कार्यग्रहण करने से पहले शपथ-पत्र पेश करेंगे.

पढ़ें-दुष्यंत गौतम के बयान से तिलमिलाई कांग्रेस, बीजेपी और RSS को बताया महिला विरोधी

बता दें कि अपनी बर्खास्तगी के आदेश को मीनाक्षी शर्मा एवं 71 अन्य लोगों ने हाईकोर्ट में चुनौती दी थी. याचिकाकर्ताओं की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता राकेश थपलियाल ने कोर्ट को अवगत कराया कि विधानसभा अध्यक्ष के द्वारा लोकहित को देखते हुए उनकी सेवाएं 26, 27, 28 सितंबर को समाप्त कर दी. बर्खास्तगी आदेश मे उन्हें किस आधार और किस कारण से हटाया गया, कहीं इसका उल्लेख नहीं किया गया. साथ ही उनकी सुनवाई भी नहीं हुई, जबकि उनके द्वारा सचिवालय में नियमित कर्मचारियों की भांति कार्य किया जा रहा था. परन्तु उनको किस आधार पर बर्खास्त किया गया. यह भी बर्खास्तगी के आदेश में नहीं लिखा है.

याचिका में कहा गया है कि 2014 तक हुई तदर्थ रूप से नियुक्त कर्मचारियों को चार वर्ष से कम की सेवा में नियमित नियुक्ति दे दी गई. जबकि, नियमानुसार छह माह की नियमित सेवा करने के बाद उन्हें नियमित किया जाना था. विधानसभा सचिववालय का पक्ष रखते हुए अधिवक्ता विजय भट्ट द्वारा कहा गया कि इनकी नियुक्ति बैकडोर के माध्यम से हुई है और इन्हें काम चलाऊ व्यवस्था के आधार पर रखा गया था, उसी के आधार पर इन्हें हटा दिया गया. इन कर्मचारियों की नियुक्ति 2021 में हुई है. ऐसे में इस मामले को सुनने के बाद कोर्ट ने विधानसभा सचिवालय और सरकार से चार सप्ताह के भीतर जवाब पेश करने को कहा है.

ABOUT THE AUTHOR

...view details