हल्द्वानी: गौलापार के रहने वाले प्रगतिशील किसान नरेंद्र मेहरा ने प्रदेश में पहली बार गन्ने की जैविक खेती (organic sugarcane farming) की शुरुआत की है. उनके खेत में गन्ने की फसल तैयार हो गई है. उन्होंने जैविक विधि से करीब एक एकड़ में गन्ने की फसल का उत्पादन किया है, जिससे वो प्रदेश के अन्य किसानों को गन्ने का जैविक बीज उपलब्ध करा सकें और किसान जैविक गन्ने की खेती की ओर रुख कर सकें.
बता दें, नरेंद्र मेहरा ने गन्ने को ट्रेंच विधि (Trench Technique) और रिंग-पिट विधि (ring-pit method) से बोया है. इसका बीच उत्तर प्रदेश के शाहजहांपुर से लिया है, जिसकी वैराइटी 13235 कोसा और कोसा 0118 है. गन्ने की ऊंचाई करीब 20 फीट है. किसान नरेंद्र मेहरा का दावा है कि वह कुमाऊं मंडल के पहले ऐसे किसान हैं, जिन्होंने जैविक बनने को तैयार किया है.
प्रगतिशील किसान नरेंद्र मेहरा (Farmer Narendra Mehra) का कहना है कि इससे पहले वह अन्य खेती भी जैविक तरीके से करते आ रहे हैं लेकिन उन्होंने पहली बार गन्ने की जैविक खेती की शुरुआत की है, जिससे कि लोगों को गन्ने से तैयार होने वाले गुड़, खाड़, सिरका सहित गन्ने से बनने वाले अन्य उत्पादन लोगों तक पहुंच सके. उन्होंने बताया कि वर्तमान में उत्पादित होने वाले गन्ने में रसायन का प्रयोग किया जाता है लेकिन उनका मकसद है कि लोगों तक गन्ने से उत्पादित जैविक प्रोडक्ट्स को लोगों तक पहुंचाई जाए, जिससे कि लोगों की सेहत ठीक रहे.