हल्द्वानी: वर्ल्ड टाइगर डे पर पीएम मोदी ने देशभर में बाघों की संख्या जारी की है. सूबे में बाघों की संख्या साल 2018 की गणना के अनुसार 442 हो गई है, जबकि 2014 तक ये बाघों की संख्या सिर्फ 340 थी. वन विभाग के लगातार अध्ययन के बाद बाघों की उपस्थिति प्रदेश के सभी 13 जिलों में पहुंच चुकी है.
वन विभाग द्वारा वनों के दोहन और जीवों की सुरक्षा को लेकर चलाए गए अभियान सफल साबित हुए हैं. यही कारण है कि बाघों की संख्या में लगातार बढ़ोत्तरी हुई है.
साल 2006 में उत्तराखंड में बाघों की जनसंख्या 178 थी. वहीं, 2010 में ये आंकड़ा बढ़कर 227 हो गया. साल 2014 में सूबे में बाघों की संख्या 340 हो गई थी. वन विभाग द्वारा बाघों के रहन-सहन का ध्यान रखते हुए मिश्रित वनों के उपयोग ने भी बाघों की उपलब्धता को बढ़ाया है. इसके अलावा कॉर्बेट टाइगर रिजर्व के साथ पश्चिमी वृत के कुमाऊं क्षेत्र में भी बाघों की काफी संख्या बढ़ी है, जोकि वन्यजीव प्रेमियों के लिए अच्छी खबर है.
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वन संरक्षक पश्चिमी वृत्त डॉ. पराग मधुकर धक्काते ने बताया कि उत्तराखंड में लोग भी वन्य जीवों की सुरक्षा के प्रति जागरुक हैं. लिहाजा वन विभाग और उत्तराखंड के आम जनमानस के लिए यह एक बेहतर खबर है. उत्तराखंड में बाघों की संख्या बढ़ना किसी खुशखबरी से कम नहीं है.