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जन औषधि केंद्र तरस रहे 'औषधि' के लिए, मरीज हो रहे परेशान

साल 2015 में केंद्र सरकार द्वारा लोगों को सस्ती दवाइयां उपलब्ध कराने के लिए जन औषधि केंद्र के तहत जेनेरिक दवाइयां सेंटर की शुरुआत की गई थी. लेकिन धीरे-धीरे अब यह जन औषधि केंद्र दवा नहीं होने के चलते बदहाल पड़े हुए हैं.

जन औषधि केंद्र

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Published : Jun 3, 2019, 5:28 PM IST

Updated : Jun 3, 2019, 6:15 PM IST

हल्द्वानी: जनता को सस्ती दवाइयां मुहैया कराने का दावा करने वाला जन औषधि केंद्र बदहाली के दौर से गुजर रहा है. हालत ये है कि जन औषधि केंद्र में मामूली दवाइयां भी नहीं मिल रही हैं. जिस कारण जिले के कई जन औषधि केंद्र बंद होने के कगार पर हैं.

जन औषधि केंद्रों में नहीं है दवाइयां

साल 2015 में केंद्र सरकार द्वारा लोगों को सस्ती दवाइयां उपलब्ध कराने के लिए जन औषधि केंद्र के तहत जेनेरिक दवाइयां सेंटर की शुरुआत की गई थी. लेकिन धीरे-धीरे अब यह जन औषधि केंद्र दवा नहीं होने के चलते बदहाल पड़े हुए हैं.

उत्तराखंड में करीब 300 से अधिक प्राइवेट और सरकारी संस्थाओं में जन औषधि केंद्र हैं. वहीं नैनीताल जिले में सभी बड़े अस्पतालों में जन औषधि केंद्र खोले गए हैं. लेकिन इन सभी केंद्रों में अधिकतर दवाइयां कई महीनों से खत्म हैं.

जन औषधि केंद्र में दवाइयां नहीं होने के चलते हैं सरकारी अस्पताल के डॉक्टर भी अब अधिकतर प्राइवेट दुकानों से ही दवा लेने की बात कह रहे हैं. जिसके चलते मरीजों के ऊपर आर्थिक बोझ पड़ रहा है.
वहीं मुख्य चिकित्सा अधिकारी भारती राणा का कहना है कि फिलहाल जन औषधि केंद्रों में दवाइयों की कमी चल रही है. जिसके लिए शासन स्तर पर बात की जा रही है. उन्होंने कहा कि जैसे ही उच्च स्तर पर दवाइयां उपलब्ध होंगी, यहां भी दवाई की समस्या खत्म हो जाएगी.

Last Updated : Jun 3, 2019, 6:15 PM IST

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