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सार्वजनिक स्थानों पर फायर सेफ्टी को लेकर हाई कोर्ट सख्त, राज्य सरकार से मांगा जवाब - सार्वजनिक स्थानों पर नहीं हैं फायर सेफ्टी

प्रदेश के सरकारी और प्राइवेट स्कूलों, अस्पतालों समेत सार्वजनिक स्थान पर फायर सेफ्टी उपकरण न होने पर हाईकोर्ट सख्त हो गया है. 4 सप्ताह के अंदर राज्य सरकार से मांगा जवाब है.

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सार्वजनिक स्थानों पर नहीं हैं फायर सेफ्टी उपकरण

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Published : Jan 10, 2020, 11:54 PM IST

Updated : Jan 11, 2020, 12:00 AM IST

नैनीताल:प्रदेश के सरकारी और प्राइवेट स्कूलों, बैंक, ऑफिस, हॉस्पिटल समेत सार्वजनिक स्थानों पर आग से बचने के लिए फायर उपकरण न होने का मामला नैनीताल हाईकोर्ट की शरण में पहुंचा है. मामले पर नैनीताल हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश रमेश रंगनाथन और न्यायाधीश आलोक कुमार वर्मा की खंडपीठ ने राज्य सरकार समेत उत्तराखंड फायर को 4 सप्ताह के अंदर अपना जवाब कोर्ट में पेश करने के आदेश दिए हैं.

सार्वजनिक स्थानों पर नहीं हैं फायर सेफ्टी उपकरण.

बता दें कि खटीमा निवासी विनोद ने नैनीताल हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश को पत्र लिखकर प्रदेश के सभी शिक्षण संस्थानों, ऑफिस, बैंक, अस्पतालों समेत सार्वजनिक स्थानों में फायर सिस्टम न लगे होने की बात कही थी. साथ ही जिन संस्थानों में फायर सेफ्टी सिस्टम लगे हैं, उनकी दशा बहुत खराब होने की भी शिकायत की. कई स्थानों पर पानी की सुविधा नहीं है, तो कहीं फायर के उपकरणों का अभाव है.

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जिस वजह से आने वाले समय में कभी भी कोई बड़ा हादसा होने की संभावना है. साथ ही याचिकाकर्ता का कहना है कि अग्निशमन ऑफिस लाइसेंस भी जारी नहीं कर रहा है. जिस वजह से कई संस्थान फायर सेफ्टी उपकरण लगाने में असमर्थ हैं. जिसके बाद नैनीताल हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश की खंडपीठ ने बिना विनोद कुमार के प्रार्थना-पत्र को स्वीकार करते हुए उसे जनहित याचिका में उसका स्वत: संज्ञान लिया किया. जिसके बाद राज्य सरकार समेत उत्तराखंड अग्निशमन को नोटिस जारी कर 4 सप्ताह के भीतर विस्तृत जवाब कोर्ट में पेश करने के आदेश दिए हैं. मामले की अगली सुनवाई 10 फरवरी को होगी.

Last Updated : Jan 11, 2020, 12:00 AM IST

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