नैनीतालः सरोवर नगरी नैनीताल में तेजी से हो रहे जंगलों के कटान का मामला एनजीटी की शरण में पहुंच गया है. इसी कड़ी में नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल (एनजीटी) की ओर से गठित टीम ने नैनीताल के विभिन्न क्षेत्रों पर जाकर बारीकी से स्थलीय निरीक्षण किया. इस दौरान टीम को कई पेड़ कटे हुए मिले. जिन्हें साक्ष्य के तौर पर लेकर टीम रिपोर्ट तैयार कर रही है.
मुख्य संरक्षक दक्षिणी कुमाऊं मान सिंह (CF South Kumaon Man Singh) ने बताया सभासद मनोज साह जगाती और विवेक वर्मा ने एनजीटी को पत्र लिखा था. जिसमें उन्होंने नैनी झील समेत आसपास के क्षेत्रों में पेड़ काटे जाने की शिकायत की थी. जिस पर एनजीटी कोर्ट में पर्यावरण को नुकसान पहुंचाने के मामले में अज्ञात लोगों के खिलाफ शिकायत दर्ज की गई. जिसके बाद एनजीटी के निर्देश पर संयुक्त कमेटी का गठन किया गया और नैनीताल में पेड़ों की कटान की रिपोर्ट पेश करने के निर्देश दिए.
नैनीताल में हरे पेड़ों पर जमकर चल रही आरियां. ये भी पढ़ेंः प्राणवायु देने वाले पेड़ कर दिए जख्मी! व्यापारियों ने बना डाले फ्लैक्स बोर्ड के 'खंभे' इस संयुक्त टीम में कुमाऊं कमिश्नर दीपक रावत (Kumaon Commissioner Deepak Rawat), चीफ कंजरवेटर मान सिंह, वन विभाग समेत जिला प्रशासन, प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के अधिकारी शामिल थे. इस टीम ने शुक्रवार को नैनीताल के अरोमा होटल, धामपुर बैंड, आयारपाटा समेत आसपास के क्षेत्रों का बारीकी से निरीक्षण किया. जहां पर टीम को कई स्थानों पर पेड़ काटे (Green Tree Cutting in Nainital) जाने के पुख्ता साक्ष्य मिले. चीफ कंजरवेटर मान सिंह ने बताया कि निरीक्षण के दौरान टीम को जो साक्ष्य मिले हैं, उनकी रिपोर्ट तैयार कर एनजीटी कोर्ट में पेश की जाएगी.
अरोमा होटल क्षेत्र से कटे पेड़ों के मामले पर पालिका के पास कोई जवाब नहींःबीते अप्रैल महीने में अरोमा होटल क्षेत्र में दर्जनभर पेड़ काटे गए थे. जब टीम ने नैनीताल नगर पालिका से संबंधित भूमि और पेड़ काटने वालों की जानकारी मांगी तो पालिका के अधिकारी एनजीटी की टीम को संतोषजनक जवाब नहीं दे सके. पालिका के अधिशासी अधिकारी ने बताया कि जिस जमीन से पेड़ काटे गए हैं, वो किसी व्यक्ति की निजी भूमि प्रतीत हो रही है. जिसकी जानकारी जुटाकर पेड़ काटने से संबंधी कार्रवाई अमल में लाई जाएगी.