नैनीताल:जनपद के पटवाडांगर क्षेत्र में टिश्यू कल्चर विधि से कीवी का उत्पादन (Production of Kiwi by tissue culture method) होगा. पटवाडांगर क्षेत्र में न्यूजीलैंड के कीवी की खेती (New Zealand Kiwi Farming) की जाएगी. साथ ही इस क्षेत्र में उच्च गुणवत्ता के फल सेब, अखरोट सहित संकटग्रस्त औषधीय पौधों की खेती (cultivation of medicinal plants) की जाएगी.
पटवाडांगर स्थित हल्दी संस्थान (Turmeric Institute at Patwadangar) के इंचार्ज सुनील पुरोहित ने बताया कि पटवाडांगर में प्लांट टिश्यू कल्चर प्रयोगशाला (Plant Tissue Culture Laboratory Patwadangar) स्थापित की जा रही है. जहां पर एक पौधे से सैकड़ों प्रकार के पौधों की प्रजातियां उत्पादन किया जाएगा. साथ ही पटवाडांगर की 100 एकड़ भूमि पर बायोडायवर्सिटी पार्क का निर्माण (Creation of Biodiversity Park) किया जाएगा.
उन्होंने कहा इसके अलावा जीन बैंक, मशरूम के स्पन का उत्पादन भी किया जाएगा, जिससे आने वाले समय में नैनीताल के पटवाडांगर क्षेत्र को कृषि के साथ-साथ पर्यटन स्थल के रूप में नई पहचान मिलेगी और पटवाडांगर को पर्यटन के क्षेत्र में भी जाना जाएगा.
सुनील ने बताया कि नैनीताल क्षेत्र में कीवी की खेती की अपार संभावना है. जिस वजह से यहां पर उच्च गुणवत्ता के कीवी का उत्पादन किया जाएगा, जिसमें एवर्ट, एलिसन, ब्रूनो, हेवर्ड, मोटी, तुमोरी, रेड कीवी प्रजाति का उत्पादन होगा. जिससे पहाड़ के किसानों को फायदा मिलेगा.