हल्द्वानी: उत्तराखंड में 1 अक्टूबर से धान की खरीद (Uttarakhand Paddy Purchase) शुरू होने जा रही है. धान खरीद के लिए खाद्य नियंत्रक विभाग ने सभी तैयारियां पूरी कर ली हैं. इस बार धान खरीद के लिए शासन से नई नीति आई है. नई नीति के तहत इस बार उत्तर प्रदेश के धान की खरीद नहीं की जाएगी. इसके अलावा इस साल प्रदेश सरकार ने पूरे प्रदेश से 9 लाख मीट्रिक टन धान खरीद करने का लक्ष्य रखा है.
आरएफसी कुमाऊं (RFC Kumaon) बीसी चलाल ने बताया कि शासन के नई धान खरीद नीति के तहत पूरे प्रदेश से इस बार 9 लाख मीट्रिक टन धान की खरीद का लक्ष्य रखा गया है. पिछले साल साढ़े दस लाख मीट्रिक टन लक्ष्य था. उन्होंने बताया कि इस बार 42 क्रय एजेंसियों के माध्यम से पूरे प्रदेश से धान की खरीद होनी है, जहां 299 सरकारी खरीद केंद्र बनाए गए हैं. इसके अलावा निजी एजेंसियों और निजी मिलर्स के माध्यम से भी धान की खरीद होनी है, जहां 471 निजी एजेंसियां धान की खरीद करेंगी.
उत्तराखंड में 1 अक्टूबर से होगी धान की खरीद. पढ़ें- किसानों को अभी तक नहीं हुआ धान खरीद का भुगतान, हाईकोर्ट जाने की दी चेतावनी उन्होंने बताया कि सरकारी क्रय एजेंसियों के माध्यम से 3 लाख मीट्रिक टन जबकि निजी एजेंसियों के माध्यम से छह लाख मीट्रिक टन धान खरीद का लक्ष्य रखा गया है. उन्होंने बताया कि शासन से मिली नई नीति के अनुसार इस बार केवल उत्तराखंड के काश्तकारों के धान की खरीद की जाएगी. उन्होंने बताया कि पूर्व में उत्तर प्रदेश के सीमांत जनपद के किसानों के भी धान की खरीद की जा रही थी, लेकिन नई नीति के तहत यूपी के किसानों के धान की खरीद नहीं की जाएगी. उन्होंने बताया कि सरकार की मंशा है कि उत्तराखंड में ज्यादा से ज्यादा धान का उत्पादन हो, इसके लिए इस बार बाहरी राज्यों के धान की खरीद पर रोक लगा दी गई है.
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उन्होंने बताया कि इस बार किसानों से धान खरीद के 72 घंटे के भीतर उनके भुगतान करने के निर्देश जारी किए गए हैं. किसानों के धान का भुगतान 24 घंटे के भीतर कर दिया जाएगा. उन्होंने बताया कि पूर्व में कुछ निजी राइस मिलर द्वारा धान खरीद मामले में अनियमितताएं पाई गई थीं. उनके खिलाफ जांच की कार्रवाई की जा रही है. जिस भी निजी एजेंसियां में गड़बड़ी पाई जाएगी, उनको धान खरीद की अनुमति नहीं दी जाएगी. उन्होंने बताया कि धान खरीद के लिए किसानों का खतौनी के माध्यम से रजिस्ट्रेशन का कार्य चल रहा है. रजिस्ट्रेशन के आधार पर ही किसानों से धान की खरीद की जाएगी.