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अटल आयुष्मान योजना में गड़बड़ी पर हाई कोर्ट ने सरकार को लगाई फटकार, 2 सप्ताह में मांगा जवाब

प्रदेश में आयुष्मान योजना में हो रहे घोटाले के मामले में नैनीताल हाई कोर्ट ने सख्त रुख अपनाया है. हाई कोर्ट ने एक बार फिर से राज्य सरकार को विस्तृत जवाब कोर्ट में पेश करने के आदेश दिए हैं.

नैनीताल हाई कोर्ट

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Published : Jul 30, 2019, 12:01 AM IST

नैनीतालःदेश में गरीब परिवारों के लिए केंद्र सरकार द्वारा चलाई गई अटल आयुष्मान योजना में हो रहे घोटालों को लेकर नैनीताल हाई कोर्ट ने सख्त रुख अपनाया है. कोर्ट ने राज्य सरकार को फटकार लगाते हुए एक बार फिर से विस्तृत जवाब कोर्ट में पेश करने के आदेश दिए हैं. कोर्ट द्वारा पूर्व में भी सरकार को जवाब पेश करने के आदेश दिए थे और सोमवार को सरकार ने कोर्ट में अपना जवाब पेश किया जिसे संतुष्ट न होने पर मुख्य न्यायाधीश की खंडपीठ ने राज्य सरकार को एक बार फिर से अपना जवाब कोर्ट में पेश करने का आदेश दिया है.

काशीपुर निवासी मुन्नी देवी विश्नोई ने जनहित याचिका दायर कर कहा है कि प्रदेश के कई अस्पतालों में सरकारी और प्राइवेट डॉक्टर मिलकर बड़ा घोटाला कर रहे हैं. पूर्व में नैनीताल हाई कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश की खंडपीठ ने घोटाले को लेकर राज्य सरकार को जवाब पेश करने के निर्देश दिए थे.

प्रदेश में हो रहे इस घोटाले के मामले में राज्य सरकार ने अपना जवाब कोर्ट में दिया जिसमें सरकार ने माना कि विभिन्न स्थानों पर योजना के नाम पर घोटाले हुए हैं. साथ ही सरकार ने बताया कि जिन अस्पतालों में घोटाले की बात सामने आई है उन अस्पतालों को पैनल से हटाया गया है. वहीं जो डॉक्टर घोटाले में शामिल हैं उन पर मुकदमा दर्ज कर दिया गया है.

आपको बता दें कि काशीपुर निवासी मुन्नीदेवी बिश्नोई ने जनहित याचिका में कहा है कि केंद्र सरकार द्वारा चलाई गई इस योजना में प्राइवेट हॉस्पिटल और सरकारी हॉस्पिटल के डॉक्टर और अधिकारी मिलकर बड़ा घोटाला कर रहे हैं. याचिकाकर्ता का कहना है कि योजना का लाभ सरकारी और प्राइवेट हॉस्पिटल के डॉक्टर और अधिकारी मिलकर उन लोगों को फायदा दे रहे हैं जो बीमार हैं ही नहीं.

योजना की बीमा राशि को हड़पने के लिए फर्जी मरीज तैयार कर रहे हैं जिनको सरकारी हॉस्पिटल से प्राइवेट हॉस्पिटल में रेफर करने के लिए शहर से दूर के प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों को चुन रहे हैं और वहां से फर्जी मरीजों को प्राइवेट हॉस्पिटल में रेफर कर रहे हैं ताकि आयुष्मान योजना के द्वारा दी जाने वाली राशि पर सेंध लगाई जा सके.

मामले को गंभीरता से लेते हुए मुख्य न्यायाधीश रमेश रंगनाथन और न्यायाधीश आलोक कुमार वर्मा की खंडपीठ ने राज्य सरकार से 2 सप्ताह के भीतर एक बार फिर से जवाब पेश करने के आदेश दिए हैं.

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