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स्वरोजगार से महिलाओं ने कमाए 80 हजार रुपए, होली पर हर्बल रंग बेचकर कमाया मुनाफा - selling herbal colors

इस होली नैनीताल की महिलाओं ने हर्बल रंग बेचकर 80 हजार का मुनाफा कमाया. चेली संगठन द्वारा स्वरोजगार के माध्यम से क्षेत्र की 25 महिलाओं ने हर्बल रंग बनाकर बाजारों में बेचा. जिसे राज्यपाल बेबी रानी मौर्य के साथ साथ देश प्रदेश के लोगों ने खूब पंसद किया.

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रंग बेचकर कमाया मुनाफा

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Published : Mar 11, 2020, 11:38 PM IST

नैनीताल: देशभर में महिला स्वरोजगार के माध्यम से अपने पैरों पर खड़ी हो रही है. इस क्रम में देवभूमि उत्तराखंड की महिलाएं भी स्वरोजगार करने में पीछे नहीं है. इस बार होली पर्व पर नैनीताल की महिलाओं ने स्वरोजगार की माध्यम से 80 हजार रुपए का मुनाफा कमाया है. चेली संगठन में काम करने वाली महिलाओं ने होली पर 100 किलो हर्बल रंग बेचकर करीब अस्सी हजार रुपए कमाएं हैं.

तेजी से बढ़ रही बेरोजगारी को देखकर अब नैनीताल की महिलाओं ने स्वरोजगार का रास्ता अपनाया है और अपने परिवार के भरण-पोषण के लिए नए-नए उत्पादों का उत्पादन कर रही हैं. सरकार को आईना दिखा रही हैं कि ये महिलाएं किसी की मोहताज नहीं है. एक महिला के रंग बनाने की इस सोच ने करीब 25 महिलाओं को रोजगार दिया. जिससे इन महिलाओं का भरण-पोषण हो रहा है.

रंग बेचकर कमाया मुनाफा

नायला खान द्वारा शुरू की गई चेली नामक संगठन में महिलाओं ने होली को लेकर करीब सौ किलों हर्बल रंग बनाए. रंग बनाने वाली महिला नायला खान का कहना है कि उनके द्वारा रंग बनाने का काम शुरू किया गया और हर महिला को एक किलो रंग बनने के लिए 25 रुपए और रंग पैक करने के लिए दो रुपए पैकेट के अनुसार पैसे दिए जा रहे है. हर्बल रंग बनाने में कड़ी मेहनत और 10 हजार रुपए की लागत आई और आज उनका रंग नैनीताल समेत पूरे भारत के विभिन्न क्षेत्रों तक पहुंचा. जिससे उनको नई पहचान मिली है.

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वहीं महिलाओं द्वारा बनाए गए हर्बल रंग की चमक उत्तराखंड की राज्यपाल बेबी रानी मौर्य तक भी पहुंची. राज्यपाल ने इस पहल की खूब प्रशंसा की और इस होली में महिलाओं द्वारा बनाए गए हर्बल रंग का ही प्रयोग किया. चेली नामक संगठन महिलाओं के उत्थान विकास के लिए कार्य कर रहा है. इस बार होली के दौरान उनके संगठन ने पहली बार हर्बल रंग तैयार किया गया. जिसको स्थानीय लोगों के साथ-साथ अन्य राज्यों के लोगों ने भी खूब पसंद किया.

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