नैनीताल: कोरोना वायरस के चलते पूरे देश में लॉकडाउन लागू है. जिसकी वजह से नैनीताल के भवाली चाय बागान में पूरी तरह से सन्नाटा पसरा हुआ है. दरअसल, नैनीताल में पर्यटन सीजन शुरू होने का यही समय है. इस समय चाय के बागानों में हजारों की संख्या में पर्यटक आते हैं. लेकिन, लॉकडाउन के कारण चाय भी बगानों में ही पड़ी हुई है. ऐसे में कामगारों और व्यापारियों पर दोहरी मार पड़ी है.
बता दें कि, देश में कोरोना वायरस के चलते किए गए लॉकडाउन के कारण चाय बागान में सन्नाटा पसरा हुआ है. जिससे चाय बागान से चुगान का काम पूरी तरह से नहीं हो पा रहा है. जिससे चाय बागान को करीब 50 लाख तक का नुकसान होता दिखाई दे रहा है. इतना ही नहीं इस चाय बागान में पर्यटन सीजन के दौरान करीब एक लाख से अधिक पर्यटक भी घूमने आते हैं. जिनसे चाय बागान के द्वारा ₹20 प्रति व्यक्ति के हिसाब से टिकट भी लिया जाता है. लेकिन, वह भी ठप पड़ा हुआ है. इस वजह से चाय बागान पर दोहरी मार पड़ी है.
बता दें कि उत्तराखंड चाय विकास बोर्ड ने भवाली श्यामखेत में चाय बागान की स्थापना 1991 में की गई. जिसके कारण बागान में हर साल करीब 5 हजार किलो जैविक चाय का उत्पादन किया जाता है, जो स्वास्थ्य के लिए फायदेमंद मानी जाती है. साथ ही, चाय विकास बोर्ड को करीब हर साल 50 लाख का राजस्व मिलता है. वहीं चाय बागान में स्थानीय युवाओं को रोजगार भी मिलता है. यहां कि अच्छी मिट्टी और मौसम की वजह से बागान में जैविक चाय का बेहतर उत्पादन होता है. जिसकी खास बात यह है कि, इस चाय को उगाने में किसी रासायन का प्रयोग न करके केवल कंपोस्ट खाद का प्रयोग किया जाता है.