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यहां 'सिस्टम' को ही मदद की दरकार, कौन सुनेगा फरियाद

नैनीताल में फरसोली पटवारी चौकी प्रशासन की लापरवाही के चलते इन दिनों बदहाल है. ब्रिटिशकाल में बनी ये चौकी अब इतनी जर्जर हो चुकी है कि कभी भी बड़ा हादसा हो सकता है.

Nainital Hindi News
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Published : Feb 12, 2020, 2:00 PM IST

नैनीताल:यूं तो राज्य सरकार उत्तराखंड के विकास के लाखों दावे करती है लेकिन उत्तराखंड के ग्रामीणों आवाज सुनने वाली पटवारी चौकी इन दिनों आज बदहाल स्थिति में है. इससे अंदाजा लगाया जा सकता है कि लोगों की समस्याओं का किस तरह से निदान कैसे होगा.

बता दें कि नैनीताल जिला मुख्यालय से महज 12 किलोमीटर दूर स्थित फरसोली पटवारी चौकी शासन-प्रशासन की लापरवाही और उदासीनता के चलते आज जर्जर हालत में है. इस पटवारी चौकी में बिजली,पानी तो छोड़ों शौचालय तक की व्यवस्था नहीं है. जिससे यहां काम कर रहे पटवारियों, कानूनगो और कर्मचारियों को काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ता है. वहीं, दूरदराज के यहां आने वाले फरियादियों को मायूस लौटना पड़ता है.

फरसोली पटवारी चौकी बदहाल.

स्थानीय लोग बताते हैं कि इस पटवारी चौकी की स्थापना ब्रिटिश काल में हुई थी और आज यह पूरी तरह से खंडहर में तब्दील हो चुकी है. चौकी के चारों तरफ बड़े-बड़े झाड़ियां उग चुकी हैं. दीवारों पर दरारें आने लगी है और बरसात में छत टपकने लगती है. जिससे यहां काम करने वाले कर्मचारियों के साथ-साथ फरियादियों में भी दहशत बनी रहती है.

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इस पर नैनीताल के जिलाधिकारी सविन बंसल का कहना है की आवश्यकता मुताबिक, जिन-जिन चौकी तहसीलों में जीर्णोंद्धार होना उन स्थानों को जल्द ही चिन्हित करने का काम किया जाएगा, ताकि स्थानीय लोगों के साथ-साथ वहां काम कर रहे कर्मचारी भी सुरक्षित रह सकें.

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