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नैनीताल में पहाड़ी फलों का उत्पादन बढ़ा, मार्केट में ऐसी है डिमांड - Nainital district

नैनीताल जिला फल उत्पादन के लिए भी जाना जाता है. जहां हर साल मार्केट में रसीले फल बिकने के लिए आते हैं. इस साल पहाड़ी फल आड़ू, पुलम, खुमानी का बेहतर उत्पादन होने से काश्तकारों को बेहतर लाभ की उम्मीद है.

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Published : Jun 9, 2023, 2:00 PM IST

Updated : Jun 9, 2023, 2:54 PM IST

नैनीताल में पहाड़ी फलों का उत्पादन बढ़ा

हल्द्वानी: नैनीताल जिले के पहाड़ी इलाकों में पहाड़ी फल आड़ू, पुलम, खुमानी का बेहतर उत्पादन होता है. इस बार पहाड़ी फलों का अच्छा उत्पादन होने से काश्तकार और आढ़ती काफी खुश नजर आ रहे हैं. लेकिन बीच में हुई बेमौसम की बारिश ने फलों का स्वाद फीका कर दिया है. जिससे पहाड़ी फलों की सप्लाई बाहरी राज्यों में थोड़ा कम हो रही है. कारोबारियों का कहना है कि खुमानी की वजह से इस साल काफी नुकसान उठाना पड़ा है.

आड़ू की फसल अच्छी हुई

काश्तकारों के खिले चेहरे:फल कारोबारी दीपक पाठक का कहना है कि बेमौसमी बारिश की वजह से इस बार खुमानी की फसल काफी प्रभावित हुई. इससे बाजार में उसकी डिमांड भी कम रही है. पिछले हफ्ते तक आड़ू और पुलम की सप्लाई बाहरी राज्यों के लिए बहुत अच्छी रही है. जिसका अच्छा पैसा फल आढ़तियों को मिला है. आड़ू की अच्छी पैदावार फल विक्रेता और आढ़तियों के लिए बहुत बेहतर साबित हुई है. पिछले सालों की अपेक्षा आड़ू की अच्छी डिमांड आ रही है. पहाड़ी फलों की सप्लाई वर्तमान में इसलिए कम हो रही है, क्योंकि बाजार में अब अन्य फल आ गए हैं. खासकर आम के आने की वजह से पहाड़ी फलों की डिमांड में कमी आ रही है.

खुबानी लोगों की पहली पसंद बना
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आड़ू में रोग लगने से डिमांड कम:आड़ू की सप्लाई इस समय नैनीताल जिले के रामगढ़, मुक्तेश्वर, पहाड़पानी और हरतोला जैसे ठंडे इलाकों से हो रही है. ठंडे इलाकों में आड़ू के उत्पादन पर थोड़ा असर पड़ा है. फल कारोबारियों का कहना है कि ठंडे इलाके में आड़ू में रोग आने की वजह से मैदानी इलाकों से आड़ू की डिमांड कम आ रही है. पहाड़ों से पहाड़ी फलों की सप्लाई बहुत अच्छी आ रही है. लेकिन अब मैदानी इलाकों से डिमांड काफी कम हो गई है, जो थोड़ा सा चिंता का विषय जरूर है.
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बेमौसमी बारिश ने किया प्रभावित:पहाड़ के काश्तकारों और आढ़ती का काम करने वाले कारोबारियों के लिए अच्छी बात तो यह है कि इस बार पहाड़ी फलों का उत्पादन बहुत बेहतर रहा. शुरुआत में मैदानी इलाकों से अच्छी डिमांड आने के कारण फलों की लागत भी उनको अच्छी मिली. हालांकि बेमौसमी बारिश की वजह से खुमानी की फसल को नुकसान पहुंचा है, जिसका असर यह रहा कि खुमानी की फसल को मार्केट नहीं मिल रहा है. फलों के कारोबार करने वाले लोगों को थोड़ा नुकसान उठाना पड़ा है. बावजूद इसके आड़ू और पुलम के बेहतर उत्पादन और सप्लाई ने फल कारोबारी और काश्तकारों के चेहरे खिला दिए हैं.

Last Updated : Jun 9, 2023, 2:54 PM IST

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