नैनीताल: कोरोना संक्रमण के चलते हुए लॉकडाउन में उत्तराखंड के राज्य कर्मचारियों के वेतन में हो रही कटौती का मामला नैनीताल हाईकोर्ट की शरण में पहुंच गया है. मामले को गंभीरता से लेते हुए हाईकोर्ट के वरिष्ठ न्यायाधीश की एकल पीठ ने राज्य सरकार को जवाब पेश करने के आदेश दिए हैं.
बता दें कि देहरादून निवासी दीपक बेनीवाल और अन्य ने नैनीताल हाई कोर्ट में याचिका दायर की थी. उनका कहना है कि कोविड-19 के चलते उत्तराखंड सरकार ने कर्मचारियों के वेतन में कटौती कर मुख्यमंत्री राहत कोष में जमा करने का शासनादेश जारी किया है, जो गलत है. इसमें प्रदेश के विभिन्न सरकारी, शासकीय सहायक प्राप्त शिक्षण संस्थान, प्राविधिक शिक्षण संस्थान, निगम, निकायों, सार्वजनिक उपक्रम और स्वायत्तशासी संस्थानों के कर्मचारियों के वेतन में से एक साल तक 1 दिन की कटौती की जानी है.