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स्कूलों के विलयीकरण मामले में हाईकोर्ट सख्त, डीएम से दो दिन के अंदर मांगा जवाब

जनपद उधम सिंह नगर निवासी गणेश उपाध्याय द्वारा नैनीताल हाईकोर्ट में जनहित याचिका दायर किया गया. जिसमें उन्होंने राज्य सरकार द्वारा जनपद के 394 प्राथमिक स्कूल और हाई स्कूलों का आपस में विलय किया जाने को गलत बताया है.

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स्कूलों के विलयिकरण

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Published : Mar 16, 2020, 11:07 PM IST

Updated : Mar 16, 2020, 11:52 PM IST

नैनीताल: जनपद के प्राथमिक और जूनियर हाईस्कूल का आपस में विलय करने का मामला नैनीताल हाईकोर्ट में पहुंच गया है. मामले पर हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश रमेश रंगनाथन और न्यायाधीश रवि विजय कुमार मलिमथ ने सख्त रुख अपनाते हुए डीएम उधम सिंह नगर को दो दिन के अंदर अपना जवाब कोर्ट में पेश करने के आदेश दिए हैं.

स्कूलों के विलयिकरण

बता दें कि जनपद उधम सिंह नगर निवासी गणेश उपाध्याय ने नैनीताल हाईकोर्ट में जनहित याचिका दायर किया. जिसमें उन्होंने राज्य सरकार द्वारा जारी उस आदेश को चुनौती दी, जिसमें राज्य सरकार के द्वारा जनपद के 394 प्राथमिक स्कूल और हाई स्कूलों का आपस में विलय किया जाना था.

जिसमें याचिकाकर्ता ने कहा कि "शिक्षा का अधिकार" अधिनियम 2009 के अंतर्गत जारी नियम में प्रावधान है कि कक्षा एक से लेकर 5 तक के बच्चों को उनके निवास स्थान से एक किलोमीटर के दायरे में पढ़ाया जाएगा. जबकि, कक्षा छह से आठ तक के बच्चों को तीन किलोमीटर के दायरे में शिक्षा देना अनिवार्य होगा.

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इस प्रकार हर स्कूल के लिए स्कूल प्रबंधन कमेटी का गठन किया जाना आवश्यक हो गया, जो विद्यालय के क्रियाकलापों पर फैसले ले सके. लेकिन, राज्य सरकार द्वारा इन सभी मानकों का पालन नहीं किया जा रहा है. बच्चों को स्कूल आने-जाने की भी कोई सुविधा नहीं है, साथ ही बच्चों की पढ़ाई के लिए इंफ्रास्ट्रक्चर की कोई व्यवस्था अभी तक नहीं हो पाई है.

वहीं राज्य सरकार द्वारा जारी आदेश का क्षेत्रवासी लंबे समय से विरोध कर रहे थे. लेकिन, सरकार द्वारा कोई कार्रवाई न करने पर याचिकाकर्ता ने हाईकोर्ट में जनहित याचिका दायर कर सरकार के आदेश पर रोक लगाने की मांग की.

Last Updated : Mar 16, 2020, 11:52 PM IST

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