नैनीतालः उत्तराखंड में तेजी से बढ़ रहा डेंगू का मामला हाई कोर्ट पहुंच गया है. मामले पर कोर्ट ने सख्त रुख अपनाते हुए राज्य सरकार को आगामी 30 सिंतबर तक स्थिति स्पष्ट करते हुए जवाब पेश करने के आदेश दिए हैं. साथ ही हल्द्वानी नगर निगम से भी जवाब मांगा है.
जानकारी देते याचिकाकर्ता के अधिवक्ता भूपेंद्र सिंह. बता दें कि, यूथ बार एसोसिएशन की ओर से नैनीताल हाई कोर्ट में एक जनहित याचिका दायर की गई है. जिसमें याचिकाकर्ता ने कहा है कि कि प्रदेश में बीते लंबे समय से डेंगू जैसी खतरनाक बीमारी फैल रही है. जिसे रोकने के लिए कोई ठोस कदम नहीं उठाए दा रहे हैं.
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याचिकाकर्ता की मांग-
- डेंगू को रोकने के लिए अस्पतालों में 500 अतिरिक्त बेड की व्यवस्था.
- विशेष डाक्टर और स्टाफ की नियुक्ति.
- रस्थ क्षेत्रों में मोबाइल मेडिकल फैसिलिटी उपलब्ध कराने की मांग.
- डेंगू से हुई मौत के मामले में मृतक के परिजनों को 10 लाख का मुआवजा.
- डेंगू से निपटने के लिए विशेष दवाओं का स्टॉक.
- ब्लड बैंक और ब्लैक टेस्टिंग की विशेष व्यवस्था समेत मेडिकल बोर्ड गठन की मांग.
वहीं, याचिकाकर्ता ने इस मेडिकल बोर्ड का गठन विशेषज्ञों की निगरानी में करने को भी कहा है.
उधर, मामले को गंभीरता से लेते हुए नैनीताल हाई कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश रमेश रंगनाथन और न्यायाधीश आलोक कुमार वर्मा की खंडपीठ ने राज्य सरकार को 30 सितंबर तक स्थिति स्पष्ट कर जवाब पेश करने के आदेश दिए हैं.
कोर्ट ने सरकार से पूछा है कि डेंगू जैसी घातक बीमारी के रोकथाम के लिए उनके द्वारा क्या उचित कार्रवाई की गई हैं. साथ ही जन जागरुकता के लिए क्या कदम उठाए गए. वहीं, कोर्ट ने मामले में याचिकाकर्ता से डेंगू से मारे गए लोगों की लिस्ट भी कोर्ट में पेश करने को कहा है.