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नैनीताल HC से वकीलों को लगा बड़ा झटका, हड़ताल असंवैधानिक घोषित

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Published : Sep 25, 2019, 9:09 PM IST

Updated : Sep 25, 2019, 9:23 PM IST

देहरादून, हरिद्वार और उधम सिंह नगर में वकीलों ने शनिवार को हड़ताल करने का एलान किया था. जिसे लेकर नैनीताल हाई कोर्ट ने सख्त रुख अपनाते हुए बार एसोसिएशन और अधिवक्ताओं की हड़ताल को असंवैधानिक घोषित कर दिया है.

नैनीताल हाई कोर्ट

नैनीतालः हाई कोर्ट से प्रदेश के वकीलों को बड़ा झटका लगा है. कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश की खंडपीठ ने वकीलों की हड़ताल को असंवैधानिक घोषित किया है. साथ ही बार काउंसिल ऑफ इंडिया को हड़ताल करने वाले अधिवक्ताओं के खिलाफ कार्रवाई करने के निर्देश दिए हैं.

जानकारी देते अधिवक्ता कार्तिकेय हरि गुप्ता.

बता दें कि, देहरादून, हरिद्वार और उधम सिंह नगर में वकीलों ने शनिवार को हड़ताल करने का एलान किया था. जिसे लेकर नैनीताल हाई कोर्ट ने सख्त रुख अपनाते हुए बार एसोसिएशन और अधिवक्ताओं की हड़ताल को असंवैधानिक घोषित कर दिया है. साथ ही कोर्ट ने बार काउंसिल ऑफ इंडिया को हड़ताल करने वाले अधिवक्ताओं पर कार्रवाई करने को कहा है. कोर्ट ने कहा कि वकीलों द्वारा की जाने वाली हड़ताल कोर्ट की अवमानना है.

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वहीं, हाई कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश ने प्रदेश के सभी जिला जजों को निर्देश दिए हैं, कि वकीलों की हड़ताल की सूचना हाई कोर्ट को भेजें. जिससे हड़ताल करने वाले वकीलों के खिलाफ अवमानना की कार्रवाई की जा सके. साथ ही हाई कोर्ट ने निचली अदालत को हड़ताल की वजह से किसी भी मामले में अगली तिथि तय नहीं करने के निर्देश दिए हैं. जो तिथि एक बार तय की गई है, उसी तारीख में सुनवाई करें.

इतना ही नहीं कोर्ट ने निचली अदालत को आदेश देते हुए कहा कि कोई भी सुनवाई हड़ताल की वजह से टाली जाएगी तो उसके लिए सक्षम न्यायिक अधिकारी पर अवमानना की कार्रवाई की जाएगी. कोर्ट ने प्रदेश के सभी एसएसपी को हड़ताल की स्थिति के दौरान कोर्ट को सुरक्षा मुहैया कराने के निर्देश दिए हैं. साथ ही कोर्ट ने स्पष्ट कहा है कि किसी न्यायिक अधिकारी के खिलाफ शिकायत होने पर उसकी सुनवाई की व्यवस्था की जाएगी और दोषी पाए जाने पर न्यायिक अधिकारी के खिलाफ भी कार्रवाई की जाएगी.

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गौर हो कि, मुंबई निवासी ईश्वर शांडिल्य ने नैनीताल हाई कोर्ट में एक जनहित याचिका दायर की थी. जिसमें उन्होंने कहा है कि प्रदेश के न्यायालयों में वकीलों के द्वारा की जाने वाली हड़ताल गलत है. जिसे बंद किया जाए. साथ ही याचिकाकर्ता का कहना है कि उत्तराखंड में वकील बीते कई सालों से मामूली सी बात को लेकर हड़ताल करते हैं. जो सुप्रीम कोर्ट के आदेश का भी उल्लंघन है.

वहीं, याचिकाकर्ता का कहना है कि साल 2003 में सुप्रीम कोर्ट ने भी अधिवक्ताओं की हड़ताल को अवैध बताया था. साथ ही देश के सभी हाई कोर्ट को निर्देश दिए हैं कि मामले में नियम बनाकर लागू करें, लेकिन आज तक सुप्रीम कोर्ट के आदेश का पालन नहीं हुआ है. शनिवार को भी वकील हड़ताल कर रहे हैं. हड़ताल की वजह से वाद कार्य बाधित हो रहे हैं.

Last Updated : Sep 25, 2019, 9:23 PM IST

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