नैनीताल: उत्तराखंड हाइकोर्ट ने प्राइमरी और उच्च माध्यमिक विद्यालयों में फर्जी दस्तावेजों के आधार पर नियुक्ति पाए करीब साढ़े तीन हजार शिक्षकों की नियुक्ति के खिलाफ दायर जनहित याचिका पर सुनवाई की. हाईकोर्ट ने राज्य सरकार से चार सप्ताह में स्थिति स्पष्ट करने को कहा है. उच्च न्यायालय ने पूछा है कि ऐसे कुल कितने शिक्षक हैं. अभी तक क्या कार्रवाई की गई, इस पर स्थिति स्पष्ट करें. मामले की अगली सुनवाई के लिए 5 अक्टूबर की तिथि नियत की गई है. आज मामले की सुनवाई मुख्य न्यायाधीश विपिन सांघी और न्यायमूर्ति राकेश थपलियाल की खंडपीठ में हुई.
High Court News: विद्यालयों में फर्जी टीचरों के मामले पर हुई सुनवाई, हाईकोर्ट ने सरकार से मांगा जवाब - फर्जी टीचरों पर सरकार से जवाब मांगा
Uttarakhand fake teachers स्टूडेंट वेलफेयर सोसायटी हल्द्वानी ने उत्तराखंड में फर्जी टीचरों का मामला उठाया है. सोसायटी की जनहित याचिका पर आज नैनीताल हाईकोर्ट ने सुनवाई की. हाईकोर्ट ने उत्तराखंड सरकार से चार सप्ताह में जवाब मांगा है. पढ़िए क्या है ये पूरा मामला.
By ETV Bharat Uttarakhand Team
Published : Aug 25, 2023, 3:33 PM IST
फर्जी टीचरों के मामले पर सुनवाई: मामले के अनुसार स्टूडेंट वेलफेयर सोसायटी हल्द्वानी ने जनहित याचिका दायर कर कहा है कि राज्य के प्राइमरी और उच्च माध्यमिक विद्यालयों में करीब साढ़े तीन हजार अध्यापक जाली दस्तावेजों के आधार पर फर्जी तरीके से नियुक्त किये गए हैं. इनमें से कुछ अध्यापकों की एसआईटी जांच की गई. जांच में खचेड़ू सिंह, ऋषिपाल और जयपाल के नाम सामने आए.
जनहित याचिका में लगाए गए हैं ये आरोप: जनहित याचिका में आरोप लगाया गया है कि इसके बाद भी विभागीय अधिकारियों की मिलीभगत के कारण इनको क्लीन चिट दी गयी और ये अभी भी कार्यरत हैं. संस्था ने इस प्रकरण की एसआईटी से जांच करने को कहा है. पूर्व में राज्य सरकार ने अपने शपथ पत्र पेश कर कहा था कि इस मामले की एसआईटी जांच चल रही है. अभी तक 84 अध्यापक जाली दस्तावेजों के आधार पर फर्जी पाए गए हैं. उन पर विभागीय कार्रवाई चल रही है.
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