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HC ने आयकर अधिकारी श्वेताभ सुमन मामले में CBI से मांगी रिपोर्ट, 28 फरवरी को होगी अंतिम सुनवाई - nainital High Court seeks report from CBI

आय से अधिक संपत्ति मामले में आरोपी पूर्व आयकर अधिकारी श्वेताभ सुमन सहित अन्य की अपील पर हाईकोर्ट ने वर्चुअल सुनवाई करते हुए सीबीआई से रिपोर्ट मांगी है. मामले में अंतिम सुनवाई 28 फरवरी को होगी.

Nainital High Court seeks report from CBI
पूर्व आयकर अधिकारी श्वेताभ मामला

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Published : Feb 8, 2022, 9:04 PM IST

नैनीताल: उत्तराखंड हाईकोर्ट के वेकेशन जज न्यायमूर्ति रविंद्र मैठाणी की एकलपीठ ने आय से अधिक संपत्ति मामले में पूर्व आयकर अधिकारी श्वेताभ सुमन सहित अन्य की अपील पर वर्चुअल सुनवाई की. पीठ ने सीबीआई से पूछा कि सह अभियुक्त गुलाबो देवी जिंदा हैं या नहीं? इसकी रिपोर्ट 24 फरवरी तक पेश करें. मामले की अगली सुनवाई 28 फरवरी को होगी.

बता दें कि 2005 में एक गुमनाम शिकायती पत्र के आधार पर सीबीआई ने दिल्ली में केस दर्ज किया था और आयकर अधिकारी के 14 ठिकानों पर साल 2015 में छापा मारा था. तब वे संयुक्त आयुक्त के पद पर कार्यरत थे. जांच में सीबीआई ने पाया कि अधिकारी के पास आय से 337 प्रतिशत अधिक संपत्ति गाजियाबाद, झारखंड, बिहार और देहरादून में स्थित है, जो उन्होंने अपनी माता व जीजा के नाम कर रखी थी.

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उन्होंने अपनी मां गुलाबो देवी के नाम दिल्ली में एक होंडा सिटी कार भी फाइनेंस कराई थी. फाइनेंस कराने में जो दस्तावेज लगाए गए थे, उनमें फोटो अपनी मां की और पेपर किसी अन्य संपत्ति के लगाए गए थे. सीबीआई की जांच में सामने आया कि सुमन ने गरीबों की मदद के लिए अरविंद सोसायटी का रजिस्ट्रेशन कराया था, जिसमें उन्होंने अपने पद का दुरुपयोग करते हुए लोगों से दान लिया, बाद में उस धन को अपनी पत्नी व माता के खाते में ट्रांसफर करा लिया.

सीबीआई कोर्ट में अभियोजन पक्ष की तरफ से 255 और बचाव पक्ष की तरफ से 8 गवाह पेश किए गये थे. स्पेशल जज प्रिवेंशन ऑफ करप्शन (सीबीआई) देहरादून ने 13 फरवरी 2019 को आरोपी को सात साल की सजा सुनाने के साथ ही 3.70 करोड़ रुपए का जुर्माना भी लगाया था.

सीबीआई कोर्ट ने अभियुक्तों को एंटी करप्शन एक्ट 1988 की धारा 13 (1)(e) में सात साल, माता को एक साल, जीजा व दो दोस्तों को चार-चार साल की सजा सुनाई थी. 2021 में श्वेताभ सुमन को सुप्रीम कोर्ट ने मेडिकल जांच कराने के लिए अंतिरम जमानत दी है, जो याचिका की अंतिम निस्तारण तिथि तक बरकरार है.

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