नैनीताल: उत्तराखंड के पूर्व मुख्यमंत्रियों को सरकारी आवास का किराया और अन्य भत्तों के बिल जमा करने के मामले में नैनीताल हाईकोर्ट ने अपना फैसला सुरक्षित रख लिया है. मुख्य न्यायाधीश रमेश रंगनाथन और न्यायाधीश आलोक कुमार वर्मा की खंडपीठ ने ये फैसला लिया है. कोर्ट ने याचिकाकर्ता को निर्देश दिए हैं कि अगर सरकार मुख्यमंत्रियों को छूट देने के इरादे से अध्यादेश लाएगी तो याचिकाकर्ता फिर से न्यायालय की शरण में आ सकते हैं. अब कभी भी पूर्व मुख्यमंत्रियों के आवास और अन्य भत्तों के मामले पर बड़ा फैसला आ सकता है.
पूर्व में मुख्य न्यायाधीश की खंडपीठ ने पूर्व मुख्यमंत्रियों को सरकारी बंगले का किराया और अन्य भत्ते जमा करने के आदेश दिए थे. इसके बाद राज्य सरकार ने पूर्व मुख्यमंत्रियों के मामले में अध्यादेश जारी कर सरकारी घर समेत अन्य भत्ते जमा नहीं करने का फैसला किया था, जिसको याचिकाकर्ता ने एक बार फिर हाई कोर्ट में चुनौती दी है.
पूर्व में सरकार ने 5 पूर्व मुख्यमंत्रियों पर 2 करोड़ 85 लाख रुपये की राशि बकाया होने की रिपोर्ट कोर्ट में पेश की थी. इसमें सरकार ने बताया कि पूर्व सीएम निशंक पर 40 लाख 95 हजार रुपए, बी सी खंडूडी पर 46 लाख 59 हजार रुपए, विजय बहुगुणा पर 37 लाख 50 हजार रुपए, भगत सिंह कोश्यारी( वर्तमान में महाराष्ट्र राज्यपाल) पर 47 लाख 57 हजार रुपए बकाया है. इनमें पूर्व मुख्यमंत्री स्व. एनडी तिवारी के नाम पर एक करोड़ 13 लाख रुपए की राशि बकाया है.